अनुकंपा नियुक्ति पाने वालों की मुश्किलें बढ़ी, सीपीसीटी पास न होने पर ८ को किया बर्खास्त, १६ को नोटिस

मध्य प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों को 4 साल में कंप्यूटर दक्षता प्रमाण पत्र लेना जरूरी है। अगर इस समय में वो परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता hai।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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 Govt fired ८ employees of Compassionate Appointment
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MP News: मध्य प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate Appointment) प्राप्त कर रहे कर्मचारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती कंप्यूटर दक्षता प्रमाण पत्र (CPCT) हासिल करना बनी हुई है।
नियम के अनुसार, अनुकंपा नियुक्त कर्मचारियों को तीन साल के भीतर सीपीसीटी पास करना आवश्यक है। यदि वे तीन साल में प्रमाण पत्र हासिल नहीं करते, तो एक साल का अतिरिक्त मौका दिया जाता है। कुल मिलाकर चार वर्षों में सीपीसीटी पास न करने पर नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है।
पिछले 15 दिनों में वन विभाग (Forest Department) और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (Public Health Engineering - PHE) से आठ कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है। वहीं, 16 अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी कर नौकरी समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

वन विभाग और पीएचई में नौकरी से निकाले गए कर्मचारी

वन विभाग से एक महिला कर्मचारी शादमा बेगम को नौकरी से निकालने के बाद केवल एक दिन में ही हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्टे मिल गया।
शादमा बेगम 43 वर्ष की हैं और उनके पिता रईसुद्दीन वन विभाग में कार्यरत थे। उनके पिता का 30 दिसंबर 2019 को निधन हो गया था। उन्हें 2 नवंबर 2020 को सहायक ग्रेड 3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। शादमा ने 5 वर्षों में 23 बार सीपीसीटी परीक्षा दी, परंतु वह कभी भी सफलता हासिल नहीं कर पाईं।
तस्लीम फातिमा को पिता मोहम्मद इदरीस खान की  16 नवंबर 2016 में मृत्यु के बाद  7 जनवरी 2017 को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। 
हिमांशु शर्मा को 8 अगस्त 2018 को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। उनके पिता  का 11 जनवरी 2014 को निधन हो गया था। 
शिवानी पगारे, किरण ठाकुर और वंदना घोटे भी सहायक ग्रेड 3 के पद पर 2016 से 2019 तक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अनुकंपा नियुक्त हुई थीं। 1 जुलाई 2024 को उन सभी को नौकरी से निकाले जाने का आदेश मिल गया। उन्होंने अधिकारियों से संपर्क कर आवेदन दिया, लेकिन पांच महीने तक लगातार प्रयासों के बाद भी कोई हल नहीं निकला। जनवरी 2025 में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।फरवरी में सुनवाई हुई और उन्हें स्टे मिल गया।
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कैंसर होने के बाद भी हटाया

56 वर्षीय साधना चौधरी, जो वन विभाग में सहायक ग्रेड 3 पद पर थीं, ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। उनके पति का 2018 में निधन हो गया था। इसके बावजूद उन्हें सीपीसीटी पास न करने के कारण नौकरी से बाहर कर दिया गया

सीपीसीटी पास न करने पर नौकरी से निकाले जाने का नियम

  • प्रदेश सरकार ने अनुकंपा नियुक्त कर्मचारियों के लिए स्पष्ट किया है कि कंप्यूटर दक्षता प्रमाण पत्र पास करना अनिवार्य है। नियम के अनुसार:
  • तीन वर्षों के अंदर सीपीसीटी पास करना होगा।
  • 3 साल पूरे होने के बाद 1 साल की अतिरिक्त अवधि मिलेगी।
  • कुल 4 साल में प्रमाण पत्र पास न होने पर नौकरी समाप्त हो जाएगी।
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