MPPSC से अब दो बड़ी मांग-असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की डेट बढ़ाई जाए, रूके हुए रिजल्ट जारी हो

MPPSC ने राज्य सेवा परीक्षा 2025 की मेंस परीक्षा स्थगित कर दी है। इसके बाद आयोग से दो बड़ी मांगें उठी हैं पहली, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2024 की परीक्षा की तारीख बढ़ाने और दूसरी, 2022 की लंबित परीक्षाओं के रिजल्ट जारी करने की।

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Sanjay Gupta
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मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2025 को आखिरकार स्थगित कर दिया है और इसकी नई तारीख अब बाद में आएगी। इसके बाद आयोग से अब दो बड़ी मांगें उठ रही है। इसमें सबसे अहम है असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2024 का पहला चरण जो एक जून को होना है उसे आगे बढ़ाया जाए। दूसरी इससे भी बड़ी मांग, रूके हुए रिजल्ट घोषित किए जाएं। वहीं अब नजरें अब स्थगित हुई राज्य सेवा मेंस 2025 की नई तारीख पर भी है। 

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की डेट बढ़ाने की मांग क्यों

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा 1 जून को असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2024 का आयोजन किया जाना है। यह 1930 पदों के लिए दो चरणों में होना है। इसके लिए 70 हजार ने आवेदन किए हैं। पहले चरण में 1 जून को 14 विषयों के साथ खेल अधिकारी और ग्रंथपाल के पदों के लिए भी परीक्षा आय़ोजित होना है, जो एमपी के 10 शहरों में प्रस्तावित है।

इसके बाद दूसरा चऱण 27 जुलाई को प्रस्तावित है। उम्मीदवारों का कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर 2022 के कई विषयों के रिजल्ट नहीं आए। कई विषयों में अभी इंटरव्यू ही चल रहे हैं। ऐसे में जब तक इनके पूरे रिजल्ट नहीं आ जाते जब तक असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2024 की परीक्षा न कराई जाए।

इसका कारण बताते हुए कहा गया है कि रिजल्ट नहीं आने से जो उम्मीदवार 2022 में बैठे और चयनित हो चुके होंगे, वह फिर 2024 में बैठेंगे। यानी ओवरलैप होंगे। ऐसे में उम्मीदवार दो परीक्षाओं में बैठेंगे और यदि वह पूर्व में चयनित हो चुके होंगे तो ऐसे में नए उम्मीदवारों को मौका नहीं मिलेगा और पद रिक्त जाएगा। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती हर साल नहीं आती है. इसके पहले 1991, 2017 औऱ 2022 में आई थी। ऐसे में जब तक पूरे रिजल्ट नहीं आते 2024 की परीक्षा को रोका जाए।

तारीख बढ़ाने पर फिलहाल आयोग का जवाब ये है

इस मामले में पीएससी के ओएसडी डॉ. रविंद्र पंचभाई का कहना है कि उम्मीदवारों ने मांगपत्र दिया है। लेकिन फिलहाल तारीख बढ़ाने का आय़ोग का कोई विचार नहीं है। इसलिए सभी उम्मीदवार एक जून के हिसाब से ही परीक्षा की तैयारी रखें। 

अब बात रिजल्ट की मांग की, यह बेवजह रूके हुए हैं

अब बात रिजल्ट की करते हैं। फरवरी-मार्च के दौरान हिंदी, हिस्ट्री जैसे कई विषय़ों के असिस्टेंट प्रोफेसर 2022 के रिजल्ट आयोग ने तैयार कर लिए थे। इसके साथ ही हैंडलूम परीक्षा का भी तैयार था, इसी दौरान हाईकोर्ट से आईटीआई का मामला भी क्लियर हो गया यानी इसके भी रिजल्ट जारी हो सकते थे, लेकिन आयोग ने यह सभी रोक दिए। इसकी औपचारिक कोई जानकारी आयोग ने नहीं दी कि यह क्यों रोके गए हैं।

लेकिन जब द सूत्र ने इस संबंध में भोपाल स्तर पर बात की और पता किया तो सामने आया कि मप्र हाईकोर्ट में राज्य सेवा परीक्षा 2025 को लेकर जो केस लगा है और इसमें परीक्षा नियम 2015 को चुनौती दी गई है, इसलिए वो सभी रिजल्ट रोक दिए गए हैं, जिसमें कहीं से भी आरक्षित कैटेगरी से अनारक्षित में उम्मीदवारों के शिफ्ट होने की बात थी।

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हाईकोर्ट ने कोई रोक ही नहीं लगाई

अब मजे की बात तो यह है कि हाईकोर्ट ने कोई रोक ही इन रिजल्ट पर नहीं लगाई है। कारण है कि हाईकोर्ट ने पहले 25 मार्च को याचिका में सुनवाई के बाद केवल मध्य प्रदेश राज्य सेवा परीक्षा 2025 के प्री के रिजल्ट पर रोक लगाई, लेकिन बाद में सामने आया कि यह तो 5 मार्च को जारी हो चुका है। फिर अगली सुनवाई दो अप्रैल को हुई तो इसमें हाईकोर्ट ने राज्य सेवा परीक्षा 2025 की मेंस पर रोक लगा दी। लेकिन किसी भी निर्देश में बाकी अन्य परीक्षा के रिजल्ट जारी करने पर कोई डायरेक्शन नहीं दिए गए और ना ही रोक लगाई गई। लेकिन परीक्षा नियम 2015 यदि निरस्त हो गया केवल इसी सोच से डरी हुई सरकार और आयोग ने बाकी रिजल्ट भी होल्ड कर दिए। 

अब फिर रिजल्ट कब

इसमें दो बातें आयोग और भोपाल स्तर पर चल रही है। 20 मई को हाईकोर्ट में छुट्टी लग रही है। साथ ही चीफ जस्टिस भी रिटायर हो रहे हैं। यानी अब यह केस संभवतः छुटियों (21 मई से 15 जून तक) के बाद लिस्टिंग कराया जाएगा। नई बैंच के आगे मप्र शासन टीना डाबी व अन्य केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की बात रखेगी और परीक्षा नियम 2015 की वैधता को सही बताएगी। इसके साथ शासन उम्मीद करेगा कि यह याचिका खारिज हो जाए, जिसके बाद मेंस 2025 का रास्ता साफ होगा और साथ ही रिजल्ट भी फिर इस केस के निराकृत होने के बाद धड़ाधड़ जून अंत में जारी कर दिए जाएं, जो पहले से ही तैयार रखे हुए हैं। 

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दूसरी बात यह भी विचार में हैं कि 20 मई तक और केस लिस्ट होने या नहीं होने का इंतजार कर लिया जाए। इसके बाद रिजल्ट जारी करने की तैयारी का जाए, क्योंकि रोक नहीं लगी हुई है। लेकिन इस पर सरकार और आयोग कोई बोल्ड फैसला ले सकेगा, इसमें बहुत संशय है, क्योंकि जैसे पहले से ही साफ है कि हाईकोर्ट ने कभी भी बाकी रिजल्ट जारी करने पर कोई रोक ही नहीं लगाई।

यह तो खुद सरकार और आयोग का फैसला था, लेकिन जैसे ही रिजल्ट जारी करेंगे तो फिर यह सवाल भी उठेगा कि जब रोक नहीं थी फिर अभी तक रोके क्यों, जारी क्यों नहीं किए गए। यानी आयोग या तो पहले गलत था या अब गलत है। यह सरकार और आयोग में बैठे अधिकारी मानेंगे यह काफी मुश्किल है। फिर भी इस पर भी विचार तो चल रहा है कि हाईकोर्ट की छुटिटयां लगते ही रिजल्ट जारी किए जाएं। 

अब राज्य सेवा मेंस 2025 कब हो सकती है

सरकार और आयोग इस बारे में काफी आशान्वित है जैसे ही वह सुप्रीम कोर्ट के केस के फैसले हाईकोर्ट में नई बैंच के सामने पुटअप करेंगे तो परीक्षा नियम 2015 पर लगी दोनों याचिकाएं खारिज हो जाएंगी। अब यह संभव 16 जून और इसके बाद केस लिस्टिंग पर ही संभव होगा। यह फैसला आते ही आयोग नई तारीख तय कर मेंस के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगा और फार्म भरवाने शुरू करेगा। यह नई संभावित ताऱीख अगस्त माह में हो सकती है। जिससे राज्य सेवा परीक्षा 2025 बहुत अधिक लंबी भी नहीं खिंच जाए।

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