मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को भी मंडला में बैगा आदिवासी के एनकाउंटर का मामला गर्माया रहा। ध्यानाकर्षण के दौरान कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया के प्रश्न पर राज्यमंत्री द्वारा दिए गए जवाब से असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों ने गर्भगृह में नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शन कर रहे विधायक पुलिस एनकाउंटर में मारे गए आदिवासी हिरन बैगा के आश्रितों को दो करोड़ की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे।
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मंत्री के जवाब पर शुरू हुआ हंगामा
राज्यमंत्री सदन में कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया के अलावा इसी विषय पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार सहित विधायक नारायण सिंह पट्टा, ओमकार मरकाम के प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश और 10 लाख की मदद के बारे में बताया। इस पर कांग्रेस विधायक रिटायर्ड हाइकोर्ट जज या विधायक दल से जांच कराने की मांग करने लगे।
मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए जैसे ही कहा जांच में नक्सली संबंध नहीं पाया गया तो एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद भी देंगे। फिलहाल 10 लाख रुपए पर्याप्त है यह सुनते ही कांग्रेस विधायक भड़क गए और हंगामा करते हुए गर्भगृह में आ गए। उन्होंने काफी देर तक गर्भगृह में नारेबाजी और हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट कर दिया।
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