अरुण तिवारी, BHOPAL. एक चुनावी हार का बोझ कितना ज्यादा होता है, ये कमलनाथ (Kamalnath) से बेहतर कोई नहीं जान सकता। पूर्व मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा (Alok Sharma) पर केंद्रीय नेतृत्व ने 3 हफ्ते बीतने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। कांग्रेस (Congress) ने एक नोटिस दिया और मीडिया में न बोलने की सिर्फ एक हिदायत दी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह भी इस मामले पर कुछ ठोस बोलने की जगह सिर्फ टालते हुए दिखाई देते हैं। यहां पर सवाल सिर्फ यही उठता है कि क्या एक चुनाव हारते ही कांग्रेस में कमलनाथ का कद इतना कम हो गया है कि पार्टी उन पर गंभीर आरोप लगाने वाले प्रवक्ता तक पर कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझ रही। क्या कांग्रेस में कमलनाथ का चैप्टर क्लोज हो गया है।
कमलनाथ के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव हारी कांग्रेस
मध्यप्रदेश में सरकार बनाने का दावा कर रही कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस न सिर्फ चुनाव हारी बल्कि बुरी तरह से हारी। इस हार के बाद पार्टी नेताओं के निशाने पर कमलनाथ आ गए। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने खुलेआम कमलनाथ पर गंभीर आरोप लगा दिए। उन्होंने न सिर्फ कमलनाथ की बीजेपी से सांठगांठ बताई बल्कि ये सवाल भी उठाया कि उनके घर ED या CBI क्यों नहीं जाती। शर्मा ने कहा कि कमलनाथ शायद खुद चुनाव जीतना नहीं चाहते थे। आलोक शर्मा के इन आरोपों के बाद 18 जनवरी को AICC ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर 2 दिन में जवाब मांग लिया, लेकिन 3 हफ्ते बाद भी आलोक शर्मा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कांग्रेस प्रभारी ने इस मामले को हल्का बताया
मध्यप्रदेश आए कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र सिंह ने मामले को इतना हल्का बता दिया जैसे बहुत कुछ हुआ ही नहीं। सारा मामला अनुशासन समिति पर डालकर मामले को टालने की कोशिश की। जितेंद्र सिंह ने कहा कि आलोक शर्मा ने जो कहा वो उनका व्यक्तिगत विचार है। उनको नोटिस दे दिया गया है। ये अनुशासन समिति का मामला है। उनका जवाब आया,नहीं आया ये अनुशासन समिति देखेगी। जवाब उन्होंने दे दिया होगा और यदि उनका जवाब नहीं माना गया तो उन पर कार्रवाई होगी।
कमलनाथ का कद घटा, आलोक शर्मा पर मेहरबानी
AICC की आलोक शर्मा पर मेहरबानी और जितेंद्र सिंह के रवैये से ये सवाल उठ रहा है कि क्या इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे कमलनाथ का कद कांग्रेस में घट गया है। क्या एक समय पार्टी की धुरी बने कमलनाथ के खिलाफ बोलेने वाले आलोक शर्मा पर कार्रवाई करना पार्टी ने जरूरी ही नहीं समझा। नोटिस में उनको 2 दिन में जवाब देने को कहा गया था, लेकिन सूत्रों की मानें तो उन्होंने अब तक जवाब ही नहीं दिया। वहीं पार्टी ने उनको एक शोकॉज नोटिस और मीडिया में न बोलेने की एक हिदायत देकर रस्म अदायगी कर ली। कमलनाथ का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा लिए बिना जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी गई। क्या कांग्रेस में भी अब वरिष्ठ नेता हाशिए पर जा रहे हैं। इस मामले में जीतू पटवारी ने कमलनाथ का साथ तो दिया, लेकिन उनकी क्षमता पर तंज भी कस दिया। जीतू पटवारी ने कहा कि कमलनाथ हमारे नेता है। जितनी उनमें क्षमताएं थीं, उतना हमने संगठन के साथ मिलकर जीतने का प्रयास किया। आलोक शर्मा ने अनुशासनहीनता की है और उनके ऊपर कार्रवाई होगी। वहीं कमलनाथ ने कहा कि आलोक शर्मा ने जो कुछ कहा उस आधार पर उनको पार्टी संगठन ने नोटिस दे दिया है।
हरदा पटाखा फैक्ट्री का मालिक राजीव अग्रवाल राजगढ़ में गिरफ्तार
आलोक शर्मा ने क्या कहा ?
इस मामले में द सूत्र ने आलोक शर्मा से भी फोन पर बात की। आलोक शर्मा ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन ने उनको मीडिया में कुछ भी न बोलने को कहा है। इस मामले से जुड़े सारे बयानों से ये तो साफ नजर आ गया है कि आलोक शर्मा पर दिल्ली दरबार मेहरबान है।