HARDA. ये फोटो राजेश अग्रवाल (Rajesh Agrawal) की है, जो हरदा फैक्ट्री का संचालक यानी मालिक है। इसी की लापरवाही की वजह से फैक्ट्री में विस्फोट हुआ और एक दर्जन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसी की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को जीवनभर का दर्द मिला। इस पर अफसर मेहरबान बने रहे और ये बिना परमिशन के फैक्ट्री चलाता रहा।
राजेश अग्रवाल गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल को राजगढ़ के सारंगपुर में गिरफ्तार कर लिया गया है। वो हादसे के बाद फरार हो गया था। राजेश अग्रवाल उज्जनै के रास्ते निकले थे और मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश और दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे से जा रहे थे। पुलिस ने मक्सी में दबिश दी, लेकिन राजेश निकल चुका था। इसके बाद सारंगपुर में हाइवे पर गिरफ्तारी हुई। राजेश अग्रवाल के साथ सोमेश अग्रवाल और रफीक खान की भी गिरफ्तारी हुई है।
राजेश अग्रवाल ने कमिश्नर से लिया था स्टे
हरदा ब्लास्ट (Harda Blast) की वजह 2022 से शुरू होती है। हरदा के लोगों ने इस फैक्ट्री में बारूद के अवैध भंडारण और सेफ्टी के मानक पूरा न होने को लेकर जिला प्रशासन से शिकायत की थी। जनता के बढ़ते दबाव की वजह से जिला प्रशासन ने इस फैक्ट्री को 26 सितंबर 2022 में सील कर दिया। ऋषि अग्रवाल कलेक्टर थे। फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल ने इस आदेश के विरोध में कमिश्नर माल सिंह बहेड़िया से अपील की। इसके बाद उसे स्टे मिल गया।
शर्त पर मिला स्टे, लेकिन फिर भी नहीं माने नियम
कमिश्नर से 14 अक्टूबर 2022 को राजेश अग्रवाल को स्टे मिला। 1 महीने के लिए उसे सशर्त स्टे दिया गया था कि वो सारे नियम-कायदे, सुरक्षा के मानक आदि को फॉलो करेगा। 14 नवंबर 2022 को इस स्टे की समय सीमा समाप्त हो गई, लेकिन फैक्ट्री चलती रही। सोमवार तक चल ही रही थी। हादसा होने तक करीब 14 महीने बीत जाते हैं, लेकिन अफसरों ने ध्यान ही नहीं दिया कि फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल को मिला स्टे एक्सपायर हो गया है। यानी राजेश अग्रवाल बीच हरदा में इतनी बड़ी पटाखा फैक्ट्री अवैध रूप से चला रहा था और किसी का उस तरफ ध्यान ही नहीं था।