भोपाल में आयकर विभाग ने हाल ही में तीन बिल्डर्स के ठिकानों पर रेड डाली थी। जिसमें हुए खुलासों के बाद कांग्रेस ने प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को घेरा है। विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने रविवार को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैंस पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक राजेश शर्मा और बैंस के बीच व्यवसायिक संबंध होने की बात कही।
पूर्व सीएस इकबाल सिंह बैंस पर गंभीर आरोप
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने पूर्व मुख्य सचिव (सीएस) इकबाल सिंह बैंस और उनके परिवार पर भोपाल के ग्रीन बेल्ट इलाके में जमीन खरीदने और निर्माण की अनुमति दिलाने का आरोप लगाया है। कटारे ने दावा किया कि बैंस ने पद का दुरुपयोग कर सेवनिया गौड़ इलाके में ग्रीन बेल्ट के नियमों में छूट दिलाई। यह क्षेत्र लो डेंसिटी एरिया में आता है, जहां निर्माण की अनुमति नहीं थी।
ग्रीन बेल्ट के नियमों की अनदेखी
कटारे ने बताया कि सेवनिया गौड़ में करीब 31.77 एकड़ जमीन कुणाल बिल्डर्स के सेंट्रल पार्क इन्फ्रा प्रोजेक्ट से जुड़ी है। यह क्षेत्र भोपाल झील के करीब है, जहां झील से 300 मीटर की दूरी पर भी निर्माण की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके, झील से महज 30-40 मीटर की दूरी पर कंस्ट्रक्शन कार्य जारी है। उन्होंने नक्शा दिखाते हुए बताया कि नियमों की अनदेखी कर कॉलोनी के लिए परमिशन दी गई। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ये परमिशन दिलाई। FAR जितना होता है उससे दुगने से ज्यादा की परमिशन दिलाई।
परिवहन विभाग में घोटालों की जांच की मांग
हेमंत कटारे ने आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा को संरक्षण देने वाले पूर्व और वर्तमान परिवहन मंत्रियों की जांच होनी चाहिए। लोकायुक्त द्वारा सौरभ शर्मा के घर से करोड़ों रुपए की संपत्ति, चांदी की सिल्लियां और अन्य दस्तावेज मिलने के बाद यह मामला चर्चा में आया था। बता दें कि आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर लोकायुक्त की टीम ने पिछले दिनों छापा मारा था। यहां से करोड़ रुपए कैश के साथ ही, चांदी की सिल्लियां, सोने-चांदी के जेवरात और प्रॉपर्टी के कई दस्तावेज मिले थे।
प्रधानमंत्री ऑफिस और सीबीआई जांच की मांग
कटारे ने कहा कि वे इस पूरे मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय, ईडी, सीबीआई और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से करेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएस ने अपने कार्यकाल में धारा 61 के तहत प्लॉटिंग और FAR नियमों में छूट दिलाकर नियमों का उल्लंघन किया। इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
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