BHOPAL. पूर्व केंद्रीय मंत्री और रतलाम लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने चुनावी सभा की। सभा में भूरिया ने कहा कि जिस व्यक्ति की दो पत्नियां हैं, उसे दो लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा कांग्रेस के घोषणापत्र में सभी महिलाओं के खातों में एक-एक लाख रुपए देने की बात कही है।
जीतू पटवारी ने किया भूरिया के बयान का समर्थन
गुरुवार, 9 मई को रतलाम लोकसभा के प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया की चुनावी सभा में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस ( Congress ) अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मौजूद रहे। भूरिया ने जब भाषण में कहा कि जिस व्यक्ति की दो पत्नियां हैं उसे दो लाख दिए जाएंगे तो मंच से ही पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भूरिया के बयान का समर्थन कर दिया। कहा- ‘आपके जो भावी सांसद हैं भूरिया जी, इन्होंने अभी भयंकर घोषणा कर दी। जिसकी दो पत्नियां हैं, उसको डबल ....।’
बीजेपी ने आदिवासी समाज का अपमान कियाः भूरिया
चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भूरिया ने कहा कि बीजेपी के लोग मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने देश बर्बाद कर दिया। हमारे आदिवासी समाज के लोगों को अपमानित करने का काम किया है। बीजेपी नेताओं ने आदिवासी परिवार के लोगों को 10 फीट के गड्ढे में गाड़ दिया। देवास जिले में दो साल की बच्ची को जिंदा गाड़ दिया। सीधी में आदिवासी भाई पर बीजेपी नेता पेशाब कर रहा था, तब वे मौन रहे।’
नरेंद्र मोदी की जेब हैं क्या मतदाता
भूरिया ने कहा कि नरेंद्र मोदी कहते हैं कि अबकी बार 400 पार....। मोदी जी, क्या मतदाता आपकी जेब में हैं? जो 400 पार दे देंगे। वे पहले कहते थे, एक बार मुझे प्रधानमंत्री बना दो, तो मैं दो करोड़ नौजवानों को नौकरी दूंगा। 15-15 लाख खाते में जमा करा दूंगा। बेचारे गरीबों ने 400- 500 जमा करके खाते खुलवा दिए, लेकिन एक पैसा जमा नहीं हुआ। मोदी ने खाते खुलवाकर करोड़ों रुपए जमा कर लिए, इसलिए आपको देखना है कि इन्होंने न नौजवानों का भला किया और न महिलाओं का भला किया।
मध्यप्रदेश में 20 साल सरकार रही, क्या किया
भूरिया ने अपने भाषण में कहा कि हमने भी बड़े-बड़े प्रधानमंत्री देखे। जब भी प्रधानमंत्री भाषण देते, तो लोग चौराहे पर खड़े होकर देखते थे। नेहरू जी, इंदिरा जी, राजीव गांधी सबको देखा, लेकिन इन्होंने तो सीमाएं लांघ दीं। उनसे पूछो तो सही कि 20 साल बीजेपी की सरकार मध्य प्रदेश में रही, तो क्या किया? अब मोदी को गुजरात जाना पडे़गा। दिल्ली खाली करना पडे़गी। वहां बेईमानों की जरूरत नहीं है। वहां शोषित, पीड़ित, दलितों की सेवा करने वालों की जरूरत है।