MP News : मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों को सांसदों और विधायकों को सलामी (Salute) देने के आदेश पर राजनीति गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस आदेश को सीधे-सीधे पुलिस की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर हमला बताया है। पटवारी ने आरोप लगाया कि सत्ता के दंभ में पुलिस का मनोबल तोड़ा जा रहा है और वर्दी का अपमान हो रहा है। कांग्रेस (Congress) ने डीजीपी (DGP) कैलाश मकवाना के उस आदेश का जिसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सांसदों और विधायकों को सैल्यूट करने के लिए कहा है, विरोध किया है।
वर्दी को राजनीतिक गुलामी में धकेला गया
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तीखा बयान जारी करते हुए कहा कि जिस दिन यह आदेश आया, उसी दिन प्रदेश की पुलिस वर्दी को राजनीतिक गुलामी में धकेल दिया गया। पटवारी ने कहा कि पुलिस को जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल का सम्मान करना चाहिए, लेकिन सत्ता के आगे झुकने के आदेश देना लोकतंत्र के खिलाफ है। पटवारी ने कहा कि कांग्रेस का हर प्रतिनिधि मानता है कि सम्मान काम करने से मिलता है ना की सलामी से। हम चाहते हैं कि पुलिस क़ानून के तहत काम करे ना कि सत्ता के दवाब में।
क्या हैं आरोप
कांग्रेस का आरोप है ही इस नए आदेश से पुलिस का मनोबल कमजोर होगा। इसके बाद पुलिस अपराधियों से लड़ने की बजाय नेताओं के सामने झुकने लगेगी। इस आदेश का सीधा असर पुलिस की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर पड़ेगा।
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मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल
पटवारी ने यह भी कहा कि प्रदेश में रेत, शराब, भू-माफिया और ट्रांसपोर्ट सिंडिकेट पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं। पिछले 6 महीने में थानों पर हमले, पुलिसकर्मियों पर अत्याचार, और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण देने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। एनसीआरबी (NCRB) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं, बच्चों और दलितों के खिलाफ अपराधों में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर है।
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गृह मंत्रालय किसी योग्य को सौंपें
पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को प्रदेश का सबसे असफल गृहमंत्री बताया और मांग की कि गृह मंत्रालय किसी योग्य व्यक्ति को सौंपा जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह आदेश भाजपा नेताओं के दबाव में लिया गया है ताकि वे पुलिस के सामने विशेषाधिकार का प्रदर्शन कर सकें? पटवारी ने कहा कि यदि पुलिस को नेताओं को सलामी देने का आदेश भाजपा नेताओं के अहंकार की तुष्टि के लिए दिया गया है, तो यह लोकतंत्र का अपमान है।
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