मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से बड़ी मांग कर दी है। अगर दोनों राज्यों के सीएम ने कांग्रेस नेता की इस मांग को मान लिया तो वकीलों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी। उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया को सहारा बनाया है और पोस्ट में दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को टैग करते हुए अपनी मांग पूरी करने की अपील की है।
विवेक तन्खा ने की ये मांग
मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता विवेक तन्खा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा की है। इसके कैप्शन में तन्खा ने लिखा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्रियों से आग्रह : झारखंड मॉडल की “ वृद्ध वकील “ पेंशन स्कीम “ , सीमित आयु के बुजुर्ग वकीलों के लिये , ज़रूर लागू करे। वकील वर्ग संविधान के सिपाही है। इस पोस्ट में उन्होंने दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्रियों टैग भी किया। हालांकि मोहन सरकार और विष्णु सरकार की तरफ से अभी तक इसपर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अगर विवेक तन्खा की मांग मान ली जाती है तो दोनों प्रदेश के वकीलों की चांदी-चांदी हो जाएगी।
मप्र और छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्य मंत्रियों से आग्रह :: झारखंड मॉडल की “ वृद्ध वकील “ पेंशन स्कीम “ , सीमित आयु के बुजुर्ग वकीलों के लिये , ज़रूर लागू करे। वकील वर्ग संविधान के सिपाही है। @CMMadhyaPradesh @ChhattisgarhCMO @barandbench @LiveLawIndia pic.twitter.com/qhsYp6yCEK
— Vivek Tankha (@VTankha) September 7, 2024
क्यों उठाई मांग
दरअसल, झारखंड सरकार ने कैबिनेट की बैठक में वकीलों को पेंशन देने का विशेष निर्णय लिया है। कैबिनेट ने वकीलों के लिए तीन प्रमुख फैसले किए हैं, जिसमें वकीलों को पेंशन, अधिवक्ता कल्याण कोष, और अधिवक्ता कल्याण न्यास निधि समिति से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। झारखंड सरकार ने 65 साल से अधिक उम्र के उन वकीलों के लिए, जिन्होंने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है, हर महीने सात हजार रुपए की पेंशन की मंजूरी दी है। पहले इन्हे अधिवक्ता कल्याण कोष से सात हजार रुपए मिलते थे, लेकिन अब उन्हें कुल 14 हजार रुपए पेंशन मिलेगी।
इसके अलावा नए वकीलों को पहले तीन साल तक स्टाइपेंड के रूप में अधिवक्ता कल्याण कोष से प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलते थे, जो अब बढ़ाकर पांच हजार रुपए किए जाएंगे। राज्य के वकीलों के लिए पांच लाख रुपए का चिकित्सा बीमा भी होगा। इसके लिए 6000 रुपए का प्रीमियम सरकार अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास को देगी। इस फैसले के बाद झारखंड देश का पहला राज्य बनेगा जो वकीलों को पेंशन देगा।
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