CPI INDEX ने डाला मध्य प्रदेश के सवा लाख संविदाकर्मियों की जेबों पर डाका

मध्य प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को डीए के स्थान पर सीपीआई इंडेक्स के आधार पर वेतन दिए जाने के कारण 2150 से 6050 रुपए तक का नुकसान हो रहा है। सरकार ने नियमित कर्मचारियों को 4% महंगाई भत्ता दिया, लेकिन संविदा कर्मचारियों के लिए यह प्रावधान नहीं किया गया।

Advertisment
author-image
Madhav Singh
एडिट
New Update
mp contract workers
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश में लगभग 7.5 लाख सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को राज्य सरकार ने हाल ही में 4% महंगाई भत्ता (डीए) दिया है। लेकिन इसी के समान कार्य कर रहे 1.25 लाख संविदा कर्मचारियों की वेतन वृद्धि में एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। पिछले साल जुलाई में लागू संविदा नीति के अनुसार, इनके डीए को सीपीआई इंडेक्स से जोड़ दिया गया। इस बदलाव के कारण संविदा कर्मचारियों का वेतन 2150 रुपए से लेकर 6050 रुपए तक कम हो गया है।

संविदा कर्मचारियों की महापंचायत और घोषणाएं

4 जुलाई को विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों की महापंचायत बुलाई थी, जिसमें प्रदेश भर से 30,000 संविदा कर्मचारी शामिल हुए थे। उस दौरान 9 घोषणाएँ की गईं, जिनमें संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन देने की घोषणा भी शामिल थी। हालाँकि, जब 22 जुलाई 2023 को इस घोषणा के लिए आदेश जारी हुए, तो डीए की जगह सीपीआई इंडेक्स के आधार पर वेतन का प्रावधान कर दिया गया, जिससे संविदा कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ गई।

ऐसे समझें नुकसान का गुणा- भाग

पद मौजूदा वेतन डीए मिलने पर वेतन कुल नुकसान
सहायक यंत्री ₹58,000 ₹64,050 ₹6,050
प्रोग्रामर समान स्थिति - -
बीआरसी ₹44,850 ₹49,200 ₹4,350
उपयंत्री ₹44,600 ₹49,200 ₹4,600
लेखापाल ₹34,400 ₹37,950 ₹3,550
सहायक वार्डन ₹34,400 ₹37,950 ₹3,550
डाटा एंट्री ऑपरेटर ₹26,500 ₹29,250 ₹3,750

महंगाई भत्ता के लिए कर्मचारियों ने भरी हुंकार, बोनस का भी है इंतजार

समाधान की आवश्यकता और संविदा कर्मचारियों की मांग

संविदा कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता दिया जाना चाहिए ताकि वे आर्थिक रूप से स्थिर रह सकें। यह मांग प्रदेश सरकार के सामने कई बार उठाई जा चुकी है, लेकिन सीपीआई इंडेक्स नीति के कारण उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे इसके खिलाफ आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।

FAQ

संविदा कर्मचारियों के वेतन में कटौती का कारण क्या है?
संविदा कर्मचारियों का वेतन सीपीआई इंडेक्स पर आधारित होने के कारण उनके वेतन में कटौती हो रही है, जिससे उन्हें 2150 से 6050 रुपये तक का नुकसान हो रहा है।
डीए (महंगाई भत्ता) और सीपीआई इंडेक्स में क्या अंतर है?
डीए नियमित कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव से राहत देने के लिए दिया जाता है, जबकि सीपीआई इंडेक्स आम उपभोक्ता खर्चों के आधार पर वेतन निर्धारण का पैमाना है, जो संविदा कर्मचारियों पर लागू होता है।
क्या सरकार ने संविदा कर्मचारियों की मांगों पर कोई निर्णय लिया है?
वर्तमान में सरकार ने इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है, लेकिन संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने मुख्य सचिव को समस्या के समाधान के लिए ड्राफ्ट सौंपने की योजना बनाई है।
संविदा कर्मचारियों के वेतन में नुकसान के लिए जिम्मेदार नीति कौन सी है?
जुलाई 2023 में लागू की गई संविदा नीति में वेतन निर्धारण के लिए सीपीआई इंडेक्स का प्रावधान किया गया, जिससे वेतन में नुकसान हुआ है।
क्या संविदा कर्मचारी आंदोलन करेंगे?
यदि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो संविदा कर्मचारियों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है।



thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

मध्य प्रदेश MP News पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महंगाई भत्ता CPI INDEX संविदा कर्मचारियों की महापंचायत संविदा नीति 2023 सीपीआई इंडेक्स