मध्य प्रदेश में लगभग 7.5 लाख सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को राज्य सरकार ने हाल ही में 4% महंगाई भत्ता (डीए) दिया है। लेकिन इसी के समान कार्य कर रहे 1.25 लाख संविदा कर्मचारियों की वेतन वृद्धि में एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। पिछले साल जुलाई में लागू संविदा नीति के अनुसार, इनके डीए को सीपीआई इंडेक्स से जोड़ दिया गया। इस बदलाव के कारण संविदा कर्मचारियों का वेतन 2150 रुपए से लेकर 6050 रुपए तक कम हो गया है।
संविदा कर्मचारियों की महापंचायत और घोषणाएं
4 जुलाई को विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों की महापंचायत बुलाई थी, जिसमें प्रदेश भर से 30,000 संविदा कर्मचारी शामिल हुए थे। उस दौरान 9 घोषणाएँ की गईं, जिनमें संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन देने की घोषणा भी शामिल थी। हालाँकि, जब 22 जुलाई 2023 को इस घोषणा के लिए आदेश जारी हुए, तो डीए की जगह सीपीआई इंडेक्स के आधार पर वेतन का प्रावधान कर दिया गया, जिससे संविदा कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ गई।
ऐसे समझें नुकसान का गुणा- भाग
पद | मौजूदा वेतन | डीए मिलने पर वेतन | कुल नुकसान |
सहायक यंत्री | ₹58,000 | ₹64,050 | ₹6,050 |
प्रोग्रामर | समान स्थिति | - | - |
बीआरसी | ₹44,850 | ₹49,200 | ₹4,350 |
उपयंत्री | ₹44,600 | ₹49,200 | ₹4,600 |
लेखापाल | ₹34,400 | ₹37,950 | ₹3,550 |
सहायक वार्डन | ₹34,400 | ₹37,950 | ₹3,550 |
डाटा एंट्री ऑपरेटर | ₹26,500 | ₹29,250 | ₹3,750 |
महंगाई भत्ता के लिए कर्मचारियों ने भरी हुंकार, बोनस का भी है इंतजार
समाधान की आवश्यकता और संविदा कर्मचारियों की मांग
संविदा कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता दिया जाना चाहिए ताकि वे आर्थिक रूप से स्थिर रह सकें। यह मांग प्रदेश सरकार के सामने कई बार उठाई जा चुकी है, लेकिन सीपीआई इंडेक्स नीति के कारण उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे इसके खिलाफ आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक