MP News: प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दौरान कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का एक बयान विवादों में घिर गया था। उन्होंने कहा था कि महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह देशद्रोही कहलाएगा। इस बयान को लेकर मध्य प्रदेश की शहडोल कोर्ट ने अब पंडित धीरेंद्र शास्त्री को नोटिस जारी किया है और उनसे 20 मई को पेश होने को कहा है।
क्या था मामला
संदीप कुमार तिवारी, जो कि शहडोल अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष हैं, उन्होंने 4 फरवरी को धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के खिलाफ सोहगपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। थाने में कार्रवाई न होने पर मामला उच्च अधिकारियों और कोर्ट तक पहुंचा। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी किया है।
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देशद्रोही कैसे कहा जा सकता है?
अधिवक्ता संदीप तिवारी ने इस बात पर कड़ा सवाल उठाया है कि क्या किसी धार्मिक आयोजन में शामिल न होने वाले को देशद्रोही कहा जा सकता है? संदीप तिवारी ने सवाल उठाया है कि सोशल मीडिया पर टिप्पणियों के लिए एफआईआर हो सकती है, तो सार्वजनिक मंच से भड़काऊ बयान देने पर क्यों नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमा पर तैनात सैनिक, अस्पतालों में सेवा दे रहे डॉक्टर, कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले पुलिसकर्मी, न्यायपालिका के सदस्य, पत्रकार या कोई भी नागरिक जो अपने कर्तव्यों के कारण महाकुंभ में उपस्थित नहीं हो पाता, उसे देशद्रोही कहना उचित नहीं है। तिवारी ने कहा कि ऐसा वक्तव्य न केवल संवेदनशीलता की कमी दर्शाता है, बल्कि समाज में वैमनस्य फैलाने वाला भी है।
देशभक्ति का मूल्यांकन कर्तव्य से होता है
संदीप तिवारी ने यह भी जोर दिया कि देशभक्ति का आकलन किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने या न भाग लेने से नहीं किया जाना चाहिए। असली देशभक्ति तो अपने दायित्वों, कर्तव्यों और संविधान के प्रति निष्ठा से जुड़ी होती है। इसलिए किसी भी नागरिक को महाकुंभ जैसे आयोजन में अनुपस्थित रहने के कारण देशद्रोही कहना अनुचित और गैर जिम्मेदाराना है।