निगम-मंडलों में जनवरी में होंगी नियुक्तियां, मार्च के बाद तबादले होंगे

जनवरी में मध्यप्रदेश के निगम-मंडलों में नियुक्तियां शुरू होंगी, जबकि कर्मचारियों के तबादलों पर रोक मार्च के बाद हटाई जाएगी। राज्य में 2306 शासकीय पद खाली हैं।

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Ravi Kant Dixit
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मध्यप्रदेश में निगम-मंडलों में ताजपोशी का इंतजार कर रहे नेताओं के लिए अच्छी खबर है। वहीं, ट्रांसफर और पोस्टिंग की आस लगाए बैठे सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए भी यह खबर राहत भरी है। सीएम डॉ.मोहन यादव का कहना है कि राजनीतिक नियुक्तियां बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव के बाद होंगी। उन्होंने बताया कि सूबे में 40-50 निगम-मंडल हैं। अभी राज्य में 10 हजार दीनदयाल समितियों जैसी संस्थाओं में नियुक्तियां की जा रही हैं। संगठन चुनाव के बाद निगम-मंडलों में भी नियुक्तियां की जाएंगी।

पूरे दिसंबर संगठन के चुनाव चलेंगे

मध्यप्रदेश में अभी संगठन के चुनाव चल रहे हैं। इसके तहत बूथ समितियों के चुनाव हो चुके हैं। 1 से 15 दिसंबर के बीच मंडल अध्यक्ष के चुनाव भी हो गए हैं। अब 16 दिसंबर से 30 दिसंबर के बीच जिला अध्यक्षों का चुनाव किया जा रहा है। नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान दिसंबर के अंतिम सप्ताह या जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में होने की संभावना है।

आयतित नेता किसी चुनौती से कम नहीं

निगम-मंडलों में नेताओं की नियुक्ति की देरी के पीछे तीसरा सबसे बड़ा कारण आयतित नेताओं की फौज है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के वक्त बीजेपी ने कांग्रेस और दीगर पार्टियों के कई नेताओं को अपना बनाया था, ऐसे में उनकी ताजपोशी की जानी है। अब यदि उन्हें नियुक्ति मिलती है तो बीजेपी के खांटी नेता नाराज हो जाएंगे और यदि उन्हें ​पद नहीं​ मिलता है तो अंदरूनी कलह बढ़ेगी। लिहाजा, सबको साधने के प्रयास किए जा रहे हैं।

निगम-मंडलों में 2454 पद, 2306 खाली

आंकड़े देखें तो ​मध्यप्रदेश में इस समय निगम-मंडल मानो खाली पड़े हैं। राज्य में 64 वैधानिक संगठन और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं। इनमें निगम/मंडल 35, स्‍टेट लेवल बोर्ड/प्रधिकारण 39, आयोग 16, नगरीय निकाय/संस्‍थाएं 396 और 486 संस्‍थाएं हैं। जानकारी के अनुसार, इनमें से 2 हजार 454 पद हैं और सिर्फ 148 भरे हैं। अभी 2 हजार 306 पद खाली हैं। 

परीक्षाओं के चलते नहीं खुले ट्रांसफर

अब आते हैं कर्मचारियों के तबादले पर...। तो इसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ.यादव का कहना है कि तबादलों से मार्च के बाद रोक हटाई जाएगी। मंत्रिमंडल में सुझाव आया था कि अभी प्रदेश में बच्चों की बोर्ड परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है, इसलिए तत्काल कर्मचारियों के तबादलों से रोक नहीं हटाई गई है। हालांकि इसके पहले जो जरूरी तबादले हैं, वह कोआर्डिनेशन कमेटी के जरिए किए जा रहे हैं।

जून में हटाया था तबादलों से प्रतिबंध

राज्य सरकार में करीब साढ़े सात लाख अधिकारी-कर्मचारी हैं। शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी ट्रांसफर कराना चाहते हैं, लेकिन अब तक ट्रांसफर पॉलिसी नहीं आई है, ऐसे में उनकी उम्मीदों को झटका लगा है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले जून में शिवराज सरकार ने प्रदेश में 15 दिन के लिए ट्रांसफर से रोक हटाई थी।  

तीन साल से नहीं आई तबादला नीति

तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2021 में ट्रांसफर पॉलिसी जारी की थी, तब प्रदेश में एक महीने के लिए तबादलों से प्रतिबंध हटाया गया था। इसके बाद वर्ष 2022 व 2023 में ट्रांसफर पॉलिसी नहीं लाई गई। मामूली संशोधनों के साथ तबादले होते रहे, लेकिन अब सीएम डॉ.मोहन यादव ने साफ किया है कि मार्च के बाद तबादले शुरू होंगे

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