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भोपाल क्राइम ब्रांच ( Crime branch ) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। आपको बता दें की क्राइम ब्रांच ने भोपाल में ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले 4 को गिरफ्तार किया है। साथ ही कार्रवाई करते हुए करीब एक दर्जन लोगों पर मामला दर्ज किया गया। आरोपियों के पास से डेढ़ करोड़ की आईडी का खुलासा हुआ है।
चार आरोपियों को गिरफ्तार किया
यह गिरोह ऑनलाइन साइट पर क्रिकेट, कैसीनो आदि गेम्स पर दांव लगाकर सट्टा खिलाते थे। वहीं क्राइम ब्रांच भोपाल नें ऑनलाइन हारजीत का दांव लगाते हुए सट्टा खिलाने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच ने इन आरोपियों के पास से 9 हजार रुपए नकद, 7 मोबाइल और एक चार पहिया वाहन जब्त किया है। साथ ही आरोपियों के पास से डेढ़ करोड़ की आईडी का खुलासा हुआ है। पुलिस ने सभी लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस अन्य आरोपियों की तलाशी कर रही है।
खड़ी कार में खिला रहे थे सट्टा
क्राइम ब्रांच की टीम को मुखबिर द्वारा सूचना दिया कि होटल लक्ष्मी विलास के सामने पटेल नगर थाना मंगलवारा में कुछ लोग सिल्वर रंग की स्विफ्ट कार में बेठकर ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा आईडी पर सट्टा खेल रहे है । प्राप्त सूचना से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मुखबिर के बताए गए स्थान होटल लक्ष्मी विलास के सामने पटेल नगर पहुंची। जहां कार खड़ी दिखी उसमें झांककर देखा तो चार लड़के मोबाइल पर ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा आईडी में रुपए-पैसे का दांव लगाते दिखे। जिन्हें पकड़ लिया गया।
ये आरोपी धराए...
- अनमोल राठौर पिता नंदकिशोर राठौर उम्र 27 निवासी सरदार पटेल कॉलोनी थाना मंगलवारा भोपाल
- पवन नाथ पिता प्रेमनाथ उम्र 24 निवासी 101 सरदार पटेल नगर कॉलोनी थाना मंगलवारा भोपाल
- मोहित यादव पिता तिलक यादव उम्र 22 निवासी 131 भारत टॉकीज पटेल नगर थाना मंगलवारा भोपाल
- बादल जैन पिता अरविंद कुमार जैन उम्र 31 निवासी 72 जगमोहन तिवारी मार्ग लक्ष्मीपुरा वार्ड सागर थाना मोतीनगर जिला सागर
ये होता है आईडी पासवर्ड
पहले यह आईपीएल सट्टा बाजार लाइन के माध्यम से चलता था। मुंबई या कहीं और से लाइनें दी जाती थीं, लेकिन अब ये भी हाइटेक हो गए हैं। अब इनसे संबंधित रुपए लेने के बाद सीधे आईडी पासवर्ड जारी कर दिए जाते हैं। इसके बाद वे इसको यहां खोल लेते हैं। ज्यादातर कारोबार अब डिजिटली और अलग-अलग एप से होने लगा है। इससे ये लोग पुलिस की पकड़ में आने से बच जाते हैं। कार्रवाई के लिए पुलिस के साथ साइबर सेल भी एक्टिव है, लेकिन इनकी धरपकड़ बगैर इनपुट के असंभव है। सटोरियों की ओर से 100 रुपए से लेकर लाखों तक के दांव लगाए जाते हैं। इनके एक पैसे का मतलब 100 रुपए होता है। इनकी फोन पर बातें भी इन्हीं कोड वर्ड में होती हैं। इन सटोरियों के ज्यादातर ठिकाने सुनसान इलाके के मकान-होटल होते हैं, जहां ये बंद कमरे से अपने कारोबार का संचालन करते रहते हैं।