मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव रहे इकबाल सिंह बैंस के एक फैसले को मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पलट दिया है। दरअसल, वन विभाग के मुख्यालय भवन के एक ब्लॉक के तीन फ्लोर, जो पहले अन्य सरकारी विभागों को बेचे गए थे, अब फिर से वन विभाग को लौटाए जाएंगे। इन फ्लोर्स को खरीदने वाले विभागों को शासन की ओर से भुगतान की गई राशि को वापस लौटाने के लिए वित्त विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। इसके बाद नीलामी और रजिस्ट्री प्रक्रिया को निरस्त करने का प्रस्ताव अब कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।
वन भवन की निर्माण लागत में इजाफा
बता दें कि, शिवराज सरकार के शासनकाल में वन भवन को बनाने में 159 करोड़ रुपए तक का खर्च में होना था, लेकिन निर्माण में देरी की वजह से इसकी लागत बढ़कर 182 करोड़ रुपए हो गई। इस अतिरिक्त लागत की वसूली के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव, इकबाल सिंह बैंस ने वन भवन के एक हिस्से को बेचने के निर्देश दिए थे। इसके तहत वन भवन के ई-ब्लॉक के तीन फ्लोर को 59 करोड़ रुपए में श्रम विभाग के कर्मकार कल्याण मंडल, स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन को बेच दिया गया था।
चुनाव से पहले का आदेश
अगस्त 2023 में, तत्कालीन वन मंत्री विजय शाह की मांग पर, तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निर्णय लिया था कि पूरा वन भवन वन विभाग के पास ही रहेगा। हालांकि, चुनावी आचार संहिता के कारण इस पर कोई फैसला नहीं हो सका। इसके बाद, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने चुनावी माहौल के बीच रजिस्ट्री करवाकर तीन फ्लोर्स का कब्जा जल्द से जल्द सौंपने के आदेश दिए थे।
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वन भवन का मालिकाना हक वन विभाग को
नए मुख्य सचिव अनुराग जैन के आने के बाद, वन विभाग ने वन भवन के तीन फ्लोर्स की बिक्री को निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा। विभागीय अधिकारियों ने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के मंत्री विजय शाह के माध्यम से अपनी बात राज्य शासन के सामने रखी। दोनों मंत्री पूर्व में वन विभाग से जुड़े रहे हैं, और वे भी चाहते हैं कि वन भवन पूरा का पूरा वन विभाग के पास ही रहे।
रजिस्ट्री रद्द करने का प्रस्ताव
अब वन भवन के तीन फ्लोर्स की रजिस्ट्री रद्द करने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट इस पर फैसला लेने के लिए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग से अभिमत ले सकता है। दरअसल, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग का जिम्मा मौजूदा समय में विजय शाह के पास है, इसलिए उनकी सहमति मिलना लगभग तय है।
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तीन निकायों को मिलेगा नया स्थान
गौरतलब है कि वन भवन के तीन फ्लोर्स को फिर से वन विभाग को सौंपा जाता है, तो वन विभाग के तीन स्वतंत्र निकाय राज्य जैव विविधता बोर्ड, राज्य बांस मिशन, बांस बोर्ड और ईको टूरिज्म बोर्ड भी अब वन भवन में शिफ्ट किए जा सकेंगे।
इस फैसले के बाद, वन विभाग को वन भवन में अपना पूरा अधिकार मिल जाएगा और विभागीय कामकाज को और बेहतर तरीके से चलाने की संभावना बढ़ेगी।
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