मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक महिला ने डबरा के दो व्यापारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था जो तीन सालों बाद झूठा निकला है। पारिवारिक विवाद की वजह से दो कारोबारियों ने उन्हें फंसाने के लिए महिला का सहारा लिया और रेप का झूठा आरोप लगाने के लिए कहा। महिला ने नौकरी के नाम पर दुष्कर्म की झूठी FIR की।
महिला एसआई की जांच में आरोप झूठे पाए गए
महिला एसआई ने मामले की जांच की जिसमें आरोप झूठे पाए गए। मामले में ग्वालियर न्यायालय ने केस खत्म कर आरोपियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। महिला की शिकायत पर झांसी रोड थाना में व्यापारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए जुट गई थी। एफआईआर के बाद वे फौरन वकील के पास पहुंचे जिसके बाद इनका रिप्रेजेंटेशन ग्वालियर एसपी और संबंधित थाने में भिजवाया था। एसपी ने इस मामले में कार्रवाई न होने तक गिरफ्तारी न करने के निर्देश दिए थे। अन्य जांच में भी दोनों व्यापारी निर्दोष निकले जिसके बाद न्यायालय ने जितेंद्र उर्फ काली जैन और चेतन जैन को निर्दोष मानते हुए डबरा रेप केस ( dabra rape case ) में खात्मा लगाने के आदेश दिए हैं।
पीड़ितों के साथ व्यापार को लेकर था विवाद
पक्षकार के वकील अनिल परसोलवाल ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि मामला 21 जून 2021 का है। डबरा के व्यापारी राजेंद्र जैन और प्रशांत जैन का पीड़ितों के साथ व्यापार को लेकर पारिवारिक विवाद था। काली जैन और चेतन जैन को फंसाने के लिए उन्होंने एक महिला का सहारा लिया। महिला ने व्यापारियों के खिलाफ थाने में झूठा आरोप लगाया गया कि नौकरी के नाम पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
ऐसे दर्ज कराया था झूठा मामला
महिला ने झांसी रोड थाना पुलिस को बताया था कि वह अपने माता पिता और भाई बहन के साथ ग्वालियर में निवास करती है। वह नौकरी पाने के लिए चेतन जैन के संपर्क में आई थी। चेतन ने नौकरी दिलाने के लिए उसके साथ हरिशंकर पुरम में स्थित अपने फ्लैट पर ले जाकर दुष्कर्म किया था। फिर जितेंद्र उर्फ काली जैन से भी नौकरी दिलाने और इंटरव्यू कराने के लिए मुलाकात कराई। इस दौरान उसे नशा देकर दोनों ने दुष्कर्म किया। साथ ही उसके अश्लील फोटो वीडियो भी बनाए। बाद में किसी को बताने पर वीडियो फोटो वायरल करने और जान से मारने की धमकी दी थी। CJM के सामने सभी सबूत पेश किए गए। न्यायालय ने डबरा व्यापारी रेप केस ( dabra businessman rape case ) के झूठे मामले में दोनों आरोपियों को निर्दोष मानते हुए झूठा मामला दर्ज कराने वाले लोगों पर भी कार्यवाही के आदेश दिए हैं।