मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इसमें जोशी ने भोपाल में हुए आयकर छापे के माध्यम से 400 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति का मुद्दा उठाया है। यह संपत्ति कारोबारी राजेश शर्मा और उनके सहयोगियों से जुड़ी बताई गई है। आरोप है कि राजेश शर्मा, पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के लिए केवल बेनामीदार हैं। शर्मा की पृष्ठभूमि इस विशाल संपत्ति के अनुरूप नहीं है, जिससे संपत्ति के सोर्स पर सवाल उठते हैं।
अपर लेक और बूझ वेटलैंड को गंभीर खतरा
पत्र में बताया गया है कि भोपाल के ऐतिहासिक अपर लेक और बूझ वेटलैंड, जो एक रामसर स्थल है। इसे गंभीर पर्यावरणीय खतरा है। राजेश शर्मा और उनके सहयोगियों ने ‘सेंट्रल पार्क’ के नाम से आवासीय परियोजना को अपर लेक के कैचमेंट क्षेत्र में स्थापित किया। इस परियोजना को नियमों और मास्टर प्लान का उल्लंघन कर मंजूरी दी गई, जिसमें बड़े पैमाने पर काले धन के उपयोग की बात सामने आई है।
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बैंस पर सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप
दीपक जोशी ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने वेटलैंड क्षेत्र में एक विशाल बंगला और कंक्रीट की सड़क सरकारी धन का दुरुपयोग कर बनवाई। इन निर्माणों ने पर्यावरणीय मानकों और नियमों का उल्लंघन किया है।
बूझ वेटलैंड की वैश्विक महत्ता और संरक्षण की आवश्यकता
बूझ वेटलैंड, जो 11वीं शताब्दी में राजा भोज द्वारा निर्मित है, एक अंतरराष्ट्रीय महत्व का स्थल है। यह जैव विविधता को संरक्षित करता है और सैकड़ों प्रवासी पक्षियों का आवास है। इसके आसपास अवैध निर्माण और अतिक्रमण से पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ने की आशंका है।
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सीबीआई जांच और अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की मांग
जोशी ने प्रधानमंत्री से इन मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ‘सेंट्रल पार्क’ परियोजना, अवैध बंगले, और सड़क के ध्वस्तीकरण के साथ-साथ एक उच्च स्तरीय सीबीआई जांच का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को प्रदर्शित करेगा और आम जनता का विश्वास बहाल करेगा।
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