रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की दो टूक- हमें किसी की ज़मीन नहीं चाहिए, लेकिन अपनी जमीन की रक्षा के लिए हम किसी भी हद तक जाएंगे

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने महू स्थित आर्मी वार कॉलेज में चल रहे दो दिवसीय रणसंवाद कार्यक्रम के अंतिम दिन देश के दुश्मनों को कड़ी चेतावनी दी।

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Sanjay Gupta
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Defense Minister Rajnath Singh Strong Message India Territorial Defense and Self-reliance
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महू स्थित आर्मी वार कॉलेज में चल रहे दो दिवसीय रणसंवाद कार्यक्रम में अंतिम दिन बुधवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश के दुश्मनों को दो टूक शब्दों में चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि हमें किसी की ज़मीन नहीं चाहिए, लेकिन हम अपनी ज़मीन की रक्षा करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। हमारे सामने चुनौतियां भले ही बड़ी हों लेकिन हमारा उत्साह उससे भी अधिक बड़ा है। आयोजन में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह, नेवी चीफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र दिवेदी भी आए हुए हैं।

सीडीएस ने कहा था शांति चाहिए तो युद्ध की तैयारी करनी होगी

इससे एक दिन पहले सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने आयोजन का उद्घाटन करते समय साफ कहा था कि शांति चाहिए तो युद्ध के लिए तैयारी करनी होगी। भविष्य में युद्ध रणभूमि तक नहीं होंगे, बल्कि एआई, क्वांटम टेक्नोलॉजी, साइबर अटैक जैसी तकनीकी से होंगे।

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रक्षामंत्री ने कहा कि अब युद्ध केवल सैनिकों के लिए नहीं रहा

रक्षामंत्री सिंह ने साफ कहा कि अब युद्ध केवल सैनिकों के कंधे पर नहीं रहा। यह पूरे नागरिकों के लिए हो गया है, इसमें हर किसी का योगदान होता है। वैज्ञानिक तकनीकी लाते हैं, उद्योगपति हथियार बनाते हैं, सिविल सोसाइटी की भी जरूरत है।

अब युद्ध का तरीका बदल चुका है

रक्षामंत्री ने कहा कि अब आधुनिक दौर में युद्ध परंपरागत नहीं रहा है। लगातार नई तकनीकी आ रही है। सरप्राइज एलिमेंट सबसे अहम हो गया है। रूस और यूक्रेन युद्ध सामने है, साल 2022 में जब शुरू हुआ तो टैंक, राइफल से और अब नई तकनीक ड्रोन, मिसाइल इन पर पहुंच गई है। लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह शाही ने कहा कि रण संवाद यानी युद्ध पर संवाद, एक प्लेटफॉर्म है। जिसका उद्देश्य युद्ध कला और युद्ध संचालन की ट्रेनिंग है।

सीडीएस अनिल चौहान ने कहा था- ऑपरेशन सिंदूर जारी है

रण संवाद 2025 के पहले दिन मंगलवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने यह भी कहा था- भले ही भारत शांतिप्रिय देश है, लेकिन हम शांतिवादी नहीं हैं। दुश्मन गलतफहमी में न रहे। ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है। ऑपरेशन सिंदूर एक आधुनिक संघर्ष था, जिससे हमने कई सबक सीखे।

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हम लगातार आत्मनिर्भर हो रहे हैं

रक्षामंत्री ने कहा कि हम लगातार आत्मनिर्भर हो रहे हैं, एक साल पहले 40 हजार करोड़ का उत्पादन डिफेंस सेक्टर में था जो अब 1.5 लाख करोड़ हो चुका है। दस साल पहले हम केवल 1 हजार करोड़ का निर्यात करते थे और अब 24 हजार करोड़ का हो चुका है। लगातार हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के विजन से देश लगातार आगे बढ़ रहा है।

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