दिल्ली के किडनी रैकेट का सरगना इंदौर जुपिटर हॉस्टिल का पूर्व ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर संदीप आर्य

संदीप आर्य किडनी रैकेट का सरगना है। उसने पब्लिक हेल्थ में MBA कर रखा है। उसने फरीदाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम, इंदौर और वडोदरा के प्राइवेट अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया है।

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Sanjay gupta
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पूर्व ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर संदीप आर्य 
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दिल्ली में क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का सरगना संदीप आर्य इंदौर में काम कर चुक है। आर्य इंदौर में बड़े निजी अस्पताल में से एक जुपिटर हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर रह चुका है।

हालांकि उसने डेढ़ साल पहले ही नौकरी छोड़ दी थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट के 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें गैंग का सरगना संदीप आर्य और उसका साला देवेंद्र झा भी शामिल हैं। संदीप आर्य ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर है।

एक किडनी ट्रांसप्लांट के 40 लाख लेता था संदीप आर्य

नोएडा निवासी संदीप आर्य किडनी रैकेट का सरगना है। उसने पब्लिक हेल्थ में MBA कर रखा है। उसने फरीदाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम, इंदौर और वडोदरा के प्राइवेट अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया है।

 वह उन अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था करता था, जहां उसे ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के रूप में तैनात किया गया था। वह हर किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लगभग 35 से 40 लाख लेता था। वह हर किडनी ट्रांसप्लांट से 7 से 8 लाख बचाता था। उत्तराखंड निवासी देवेंद्र झा के खाते में रुपए जमा होते थे, जो संदीप का साला है।

संदीप का नेटवर्क मप्र सहित पांच राज्यों में

पुलिस ने बताया कि यह लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देश के 5 राज्यों- दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश और गुजरात में स्थित अस्पतालों में अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट चला रहे थे। संदीप ने 5 राज्यों के करीब 11 प्राइवेट अस्पतालों में 34 किडनी ट्रांसप्लांट करवाए हैं।

पुलिस को मिले मरीजों और किडनी लेने वालों के फर्जी दस्तावेज

पुलिस 11 अस्पतालों से किडनी ट्रांसप्लांट का पूरा ब्योरा मांग रही है। पकड़े गए अन्य आरोपियों की पहचान संदीप आर्य , विजय कुमार कश्यप उर्फ सुमित, देवेंद्र झा, पुनीत कुमार, मोहम्मद हनीफ शेख, चीका प्रशांत, तेज प्रकाश और रोहित खन्ना उर्फ नरेंद्र के रूप में हुई है।

इनके पास से 34 फर्जी टिकट, 17 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 9 सिम, 1 मर्सिडीज कार, 1.5 लाख रुपए और मरीजों या फिर किडनी लेने वालों के जाली दस्तावेज और फाइलें बरामद की गई हैं।

नेटवर्क के लोगों को एक लाख कमीशन

मुंबई निवासी मोहम्मद हनीफ शेख पेशे से दर्जी है। उसकी संदीप से फेसबुक के जरिए जान-पहचान हुई। उसने संदीप को अपनी किडनी बेच दी और उससे जुड़ गया। उसका काम संदीप को मरीज या डोनर मुहैया कराना था। बदले में उसे हर केस के लिए 1 लाख रुपए तक मिलते थे। हैदराबाद निवासी चीका प्रशांत ने भी संदीप को अपनी किडनी बेची और उससे जुड़ गया।

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