दैनिक भास्कर के पत्रकार सुनील हजारी की कोर्ट ने एक सितंबर तक पुलिस हिरासत बढ़ा दी है। सुनील के पुलिस हिरासत में रहने के दौरान कई खुलासे होने की सम्भावनाएं है। पुलिस ने पत्रकार के मध्य प्रदेश में रहने वाले रिश्तेदारों को नोटिस भेजें हैं। पुलिस को संदेह है कि पत्रकार ने अपनी काली कमाई को मप्र के रिश्तेदारों को भेजी है। इसके अलावा पुलिस उन लोगों का भी पता लगा रही है, जिन्होंने काले कारनामों में सुनील का साथ दिया। खबर न छापने के बदले पैसे की वसूली करने वाले आरोपी के कई कारनामें हैं। बहुत कम समय में आरोपी सुनील हजारी ने खूब दौलत बटोरी...। 'द सूत्र' आपको बता रहा है कि किस तरह इस पत्रकार ने खबर छाप कर नहीं...खबर बेचकर धन अर्जित किया। इस खबर को अंत तक पढ़ें...।
60 हजार रुपए से अधिक की बैंक ईएमआई
आरोपी पत्रकार सुनील हजारी मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं। पत्रकार ने बीते सात साल में पत्रकारिता करते हुए गाड़ी बंगला खरीद लिया। यही नहीं पत्रकार साहब अपने वेतन से अधिक लगभग 60 हजार रुपए से ज्यादा की बैंक ईएमआई ( EMI ) देते हैं। अब सवाल उठना लाजमी है कि हर माह आरोपी सुनील हजारी के पास इतना पैसा आता कहां से था ? इस सवाल का जवाब है..काली कमाई। अब ये काली कमाई पत्रकार करता कैसा था तो आपको बता दें कि पत्रकार सुनील हजारी समाचार पत्र दैनिक भास्कर नागपुर में कार्यरत होकर लोगों को खबर प्रकाशित करने की धमकी देकर मोटी कमाई करता था। इसमें उसका साथ नागपुर के कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी देते रहे।
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दैनिक भास्कर का पत्रकार सुनील हजारी वसूली करते गिरफ्तार
ये था मामला...
पत्रकार सुनील हजारी परिवहन विभाग में एजेंट के तौर पर काम करने वाले टिंटु उर्फ धनराज साहू राम शर्मा से 10 लाख रुपए खबर न छापने के नाम पर मांग रहा था। मामला तीन लाख रुपए में तय हुआ, लेकिन बार-बार पैसे मांगने पर फरियादी एजेंट ने सुनील की शिकायत पुलिस थाने में कर दी। एजेंट की शिकायत पर पुलिस ने सुनील को वसूली की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मामले में थाना प्रभारी सदर थाना मनीष ठाकरे ने 'द सूत्र' ( Ths sootr ) को बताया कि हजारी पर ब्लैकमेलिंग जबरन वसूली की बीएनएस धारा 308 लगाई गई है और वह गिरफ्तार है। वह आरटीओ एजेंट को ब्लैकमेल कर रहा था। इसके पहले भी खबर छापने की धमकी देकर उससे एक लाख रुपए ले चुका था, लेकिन इसके बाद भी वह नहीं माना और बार-बार खबर छापने की धमकी देता रहा। सामने वाले ने इसकी शिकायत पुलिस में की और उसे राशि लेते हुए पकड़ लिया। मनीष ठाकरे ने बताया कि कुछ दिन पहले आरटीओ से कुछ अधिकारी सस्पेंड हुए थे। इसी बात के लेकर हजारी आरटीओ एजेंट को धमका रहा था कि तुम भी इसमें इन्वाल्व हो। इसी बात पर पहले एक लाख रुपए लिए और फिर 80 हजार रुपए और मांगे थे।
सात साल में गाड़ी-बंगला
सुनील हजारी ने सिर्फ सात साल में नागपुर में गणेशपेठ इलाके राहुल अपार्टमेंट फ्लैट खरीदा, इसकी कीमत अब करोड़ रुपए है। इसके अलावा कार खरीदी। सुनील ने अपनी काली कमाई मध्य प्रदेश में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को दी है। इन रिश्तेदारों ने काली कमाई को सफेद करने के लिए अलग-अलग क्षेत्र में निवेश किया है। नागपुर की सदर थाना पुलिस इसकी पूरी जांच करेगी।
कोर्ट में क्या हुआ..
सदर थाना पुलिस ने आरोपी सुनील हजारी को जब कोर्ट में पेश किया तो उसके चेहरे पर अफसोस दिखाई नहीं दिया। उसमें उसी तरह अकड़ दिखाई दी, जैसी मामले में पकड़ने के पहले रहती थी। सुनील की पैरवी करने के लिए समाचार पत्र दैनिक भास्कर की तरफ से किसी भी वकील को नहीं भेजा गया। जिससे यह साफ है कि भास्कर ने सुनील से किनारा कर लिया है। इधर कोर्ट ने पुलिस की दलील सुनते हुए आरोपी को 1 सितंबर तक हिरासत में भेज दिया।
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