मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में होगा विकास, बनेंगे 150 नए ब्लॉक, सालाना मिलेंगे इतने करोड़ रुपए

मध्य प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में तो विकास हो रहा है, पर ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी विकास का कार्य धीमी गति से हो पाता है। 68 सालों बाद अब प्रदेश में 100 से 150 नए ब्लॉक बनाए जाएंगे। इसके लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है।

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Madhav Singh
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मध्य प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या और शहरी विकास को ध्यान में रखते हुए 68 साल बाद पहली बार 100 से 150 नए विकासखंड बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा राज्य में मौजूदा ब्लॉकों का भी पुनर्गठन किया जाएगा। इसके लिए आयोग ब्लॉक के गठन की रूपरेखा तैयार कर सरकार को सौंपेगी। जिसके बाद नए ब्लॉकों के लिए रास्ता साफ हो जाएगा। 

केंद्र से लेनी होगी मंजूरी

राज्य में नए ब्लॉक के गठन लिए केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी होगी। अभी केंद्र की योजनाओं में जो मदद मिल रही है, वह 313 ब्लॉक के अनुसार मिल रही है। नए ब्लॉकों के बाद 29 योजनाओं के तहत हर साल राज्य को 5000 करोड़ रुपए ज्यादा मिल सकेंगे।

कौन-कौन से बन सकते हैं ब्लॉक

मौजूदा समय में एक विकासखंड में 140 से 160 गांव हैं। नए ब्लॉक बनने से गांवों की संख्या 60 से 70 रह जाएगी। भोपाल में फंदा से अलग कर रातीबड़ को विकासखंड बनाया जा सकता है। बैरसिया विकास खंड में 110 गांव हैं, जिनमें से गुनगा को अलग कर ब्लॉक बना सकते हैं। इसके अलावा सीहोर ब्लॉक में बिलकीसगंज और श्यामपुर दोराहा विकासखंड बनाए जा सकते हैं। नरसिंहगढ़ में कुरावर और राजगढ़ में पचौर, जबलपुर ग्रामीण में बरगी और कुंडम से बघराजी को अलग किया जा सकता है। वहीं इंदौर ग्रामीण, देपालपुर, महू और सांवेर में दो-दो ब्लॉक बनाए जा सकते हैं।

जिले बढ़े, तहसीलें बढ़ीं पर ब्लॉक नहीं

आजादी के बाद से प्रदेश में तहसीलें तो बढ़ीं लेकिन ब्लॉक नहीं बढ़ाए गए। 68 साल में प्रदेश की जनसंख्या 3 गुना से बढ़कर 8 करोड़ के पार हो चुकी है। जिससे विकास शहरी क्षेत्रों में ही सिमट कर रह गया। पिछले 24 साल में प्रदेश में 10 नए जिले बने। इससे जिलों की संख्या 55 हो गई। तहसीलों की संख्या भी 428 पहुंच गई है। इतने समय में एक भी नया ब्लॉक नहीं बना। इसी लिए आज अंतिम छोर के गांव की ब्लॉक से दूरी करीब 100 किमी से ज्यादा है। इससे वहां विकास तेजी से नहीं हो पा रहा है, जिससे लोग शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं। 

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हर साल मिलेगी 50 करोड़ से ज्यादा की रकम

प्रदेश में 23 हजार ग्राम पंचायतों पर प्रशासनिक नियंत्रण के लिए 52 जिला पंचायत, 313 ब्लॉक स्थित हैं। बताते चलें कि 19 विभागों की 29 से ज्यादा योजनाओं के लिए काम ब्लॉक स्तर पर होते हैं। नए ब्लॉक बनने से हर ब्लॉक को सालाना करीब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम मिलेगी। केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 75 से 90% है।

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