इंदौर में राजा रघुवंशी मर्डर पर बोले DGP कैलाश मकवाना, शहर काफी बड़ा सभी जानकारी मिल पाना मुश्किल

इंदौर में रविवार को मीडिया से चर्चा में डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि, मैंने डीजीपी के पद पर ज्वाइन किया तो सोचा था कि फील्ड के अधिकारियों से जोन में जाकर हम समीक्षा बैठक करें।

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Vishwanath Singh
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मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना रविवार को इंदौर पहुंचे। उन्होंने कंट्रोल रूम में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अपराध नियंत्रण, ट्रैफिक स्थिति और थानों की कार्यप्रणाली पर चर्चा की। मकवाना ने आमजन से फीडबैक प्राप्त करने के लिए QR कोड स्कैन सिस्टम का लोकार्पण किया।

मीडिया से चर्चा में उन्होंने राजा रघुवंशी हत्याकांड पर कहा कि सोनम के इंदौर में रुकने की जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाई। उन्होंने लव जिहाद के मामलों में बीट अफसरों को कॉलेजों, स्कूलों और होस्टलों की मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। मकवाना ने 12 प्रमुख मुद्दों पर मीडिया से खुलकर बात की। इन मुद्दों में सिंहस्थ, पुलिस बल, डीएसपी प्रमोशन, ट्रांसफर और जनसुनवाई शामिल थे।

अफसरों की बैठक को लेकर यह बोले

इंदौर में रविवार को मीडिया से चर्चा में डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि, मैंने डीजीपी के पद पर ज्वाइन किया तो सोचा था कि फील्ड के अधिकारियों से जोन में जाकर हम समीक्षा बैठक करें। अपराध के बारे में, लॉ एंड ऑर्डर के बारे में, पुलिस मुख्यालय से समय-समय पर जो आदेश जारी किए जाते हैं उसका क्रियान्वयन किस तरह से हो रहा है। वहीं, फील्ड के अफसरों जैसे उज्जैन, इंदौर कमिश्नरेट और ग्रामीण के अफसरों को बुलाया है, जो कि पुलिस स्टेशन के फर्स्ट प्रोबेजनरी ऑफिसर होते हैं। इसमें देखकर समझा जाए कि ग्राउंड स्तर पर हमारे अफसर किस तरह की समस्या महसूस कर रहे हैं। हम अपनी पुलिसिंग व्यवस्था को और कैसे बेहतर कर सकते हैं। यह रीव्यू कम इंटरेक्टिव बैठक थी। जबलपुर, बालाघाट, भोपाल शहरी और ग्रामीण के साथ उज्जैन भी हो चुके हैं। अब 6 और बचे हैं तो उन्हें भी जल्दी कवर करेंगे।

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पुलिस अफसरों की समीक्षा बैठक लेते डीजीपी

सिंहस्थ को लेकर बोले

आगामी सिंहस्थ जो कि 2028 में होना है, उसको लेकर कई मार्गों का चौड़ीकरण हो रहा है। जैसे कि इंदौर–उज्जैन सिक्सलेन हो रहा है। इसके अलावा अन्य मार्गों को भी चौड़ा किया जा रहा है। जाम लगने को लेकर ग्रामीण के जो हमारे आईजी हैं उनको देखा है वे सीधे तौर पर उस पर काम कर रहे हैं। इसकी जानकारी वे ही देंगे।

दोपहर तक तैयार हो गया था एक लेन का कुछ हिस्सा

ग्रामीण आईजी ने इस दौरान बताया कि क्षिप्रा के पास देवास बासपास पर जो जाम लग रहा है। उसके मुख्य मार्ग पर निर्माण कार्य चल रहा था। समय रहते हुए जो काम होना चाहिए था वह पूरा नहीं हो पाया। इसके कारण यह स्थिति बनी है। बारिश हुई इसमें मुख्य मार्ग के साथ सर्विस रोड़ भी खराब हो गई। इस पर प्लान किया कि हैवी ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाए। इस पर मानपुर की तरफ ट्रैफिक को डायवर्ट किया। जिसमें बड़वानी से आने वाले भारी वाहन धार होते हुए जाएंगे। डकाच्या से फोर व्हीलर को डायवर्ट किया है। देवगुराड़िया से फोर व्हीलर का अलग रुट डायवर्ट किया है। रात के समय काम चल रहा है। दोपहर तक में एक लेन बनकर तैयार हो चुकी थी। आगामी लगभग दो दिन में एक लेन पूरी तरह से वाहनों के लिए तैयार हो जाएगी। कल रात में 12 से सुबह 7 बजे तक नो ट्रैफिक जोन रखा गया, ताकि निर्माण कार्य में किसी तरह की बाधा ना आए। इसके लिए हमने 50 के करीब पुलिस बल दिए हैं और 15 के करीब होम गार्ड दिए हैं। एनएचएआई से बात करके सिक्योरिटी एजेंसी के कुछ लोगों को किराए पर लिया जाए। इस तरह से 70 से 80 लोगों की टीम बनाकर अलग-अलग प्वाइंट पर ट्रैफिक को मैनेज कर रहे हैं।

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पुलिस अफसरों के साथ समीक्षा बैठक

सोनम-राजा केस को लेकर बोले

आपके कई लोगों के घर होंगे जो कि खुद मकान मालिक भी हाेंगे। आप ही के खुद के घर मे किराएदार से मिलने कौन आ रहा है और कौन जा रहा है आप ही उसका हिसाब नहीं रख पाते हैं। तो इतना बड़ा शहर उसमें कौन कैसे अचानक से रात में आकर रुका। वह प्रेक्टिकल रुप से पॉसिबल नहीं है। जब तक कि उसका कोई सुराग ना मिले। जैसे कि कोई व्यक्ति संबंधित क्षेत्र में है। जब कोई इनपुट मिले तो भले ही हम उसको पता करने की कोशिश कर सकते हैं। हम अपने घर के किराएदार से कौन मिलने आने–जाने वाले हैं जब उसको ही हम वॉच नहीं कर पा रहे हैं तो फिर इतने बड़े शहर कैसे संभालेंगे।

लव जिहाद को लेकर यह बोले

लव जिहाद को लेकर हमने डिपार्टमेंट में इंटरनर इंस्ट्रक्शन दिए हैं। गर्ल्स स्कूल, कॉलेज और होस्टल में बैठक करके चर्चा की है कि जो बीट के अधिकारी हैं। वे उस क्षेत्र के लोगों से संपर्क में रहें। कहीं से भी कोई जानकारी आती है तो वह प्राथमिक तौर पर ही हमें पता चल जाए। उसमें मीडिया का भी काफी महत्वपूर्ण रोल है।

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पुलिस अफसरों के साथ डीजीपी

जनसुनवाई पर यह बोले 

पुलिस जनसुनवाई अफसरों पर भी काफी निर्भर होती है। पुलिस मुख्यालय में ही कई वर्ष से जनसुनवाई बंद थी। कुछ महीने पहले हमने उसे वापस शुरू किया है। मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मैं मुख्यालय पर हूं और मेरी कोई मीटिंग नहीं है तो मैं भी उसमें जाकर बैठता हूं। उससे कई सारी चीजें पता चलती हैं, जबकि हम शिकायतकर्ता से सीधे बात करते हैं। जैसे कि थाना स्टाफ का रोटेशन का ओरिजनेटिंग प्वाइंट ही जनसुनवाई है।

12 साल से थानों में जमे स्टाफ पर यह बोले 

जनसुनवाई के दौरान कई तरह के अलग–अलग आवेदक आए, उन्होंने बताया कि किसी थाने का स्टाफ लंबे समय से पदस्थ है। वह कार्रवाई नहीं होने दे रहा है या फिर उसे जबरन फंसाया जा रहा है। एक अन्य जिले में जानकारी आई कि 10 से 12 साल से स्टाफ तैनात है। जनसुनवाई में मुझे जो जानकारी आई तो उस पर हमने एसपी को बोलकर स्टाफ को रोटेट करवाया। बड़ी संख्या में स्टाफ जून में ही रोटेट हुआ है। इस पर मैंने पूरे प्रदेश को लेकर बात की है। लंबे समय से जब स्टाफ तैनात रहता है तो उसके लोगों से संबंध बन जाते हैं और उसमें गठजोड़ की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। निष्पक्ष कार्रवाई भी कहीं ना कहीं प्रभावित होती है। ऐसे में आपके सामने है कि करीब 11 हजार पुलिस स्टाफ को रोटेट किया गया है। अगस्त में मेरी भी 37 वर्ष की सर्विस हो जाएगी। इतनी लंबी नौकरी में मैंने कभी नहीं सुना कि इतनी बड़ी संख्या में थाना स्टाफ को रोटेट किया गया। कुछ समय बाद आपको इसका प्रभाव दिखेगा और कार्रवाईयां प्रभावी दिखेंगी।

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पुलिस अफसरों के साथ डीजीपी

सायबर फ्रॉड को लेकर यह बोले

इससे बचाव को लेकर 1 से 10 फरवरी तक हमने सेफ क्लिक को लेकर एक अभियान चलाया था। जिसमें हमने दूरस्थ इलाकों जैसे मंडला के गांव तक में उस अभियान की पहुंच रही। सायबर जागरुकता का इस तरह का अभियान मुझे ध्यान में नहीं है कि ऐसा पहले कभी हुआ हो। उसका परिणाम यह हुआ कि डिजिटल अरेस्ट के केस कम हुए हैं। कई मामलों में लोगाें के जागरुक होने पर घटनाएं नहीं हो पाईं। इससे पूरे प्रदेश में पॉजिटिव रिजल्ट सामने आए हैं।

नक्सल ऑपरेशन पर यह बोले

वर्तमान समय में नक्सल समस्या सबसे बड़ी आंतरिक चुनौती है। पिछले कुछ महीने में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की तरफ से कहा जा रहा है कि इसे समाप्त किया जाए। इसमें सभी प्रदेशों में अच्छी कार्रवाईयां हो रही हैं। मप्र में समस्या सीमित हैं। जिसमें बालाघाट और मंडला में ही है। एक जिला बालाघाट अभी प्रभावित है। शासन के स्तर से लगातार बैठक की जा रही है। इसमें स्पेशल फोर्स को मजबूती देने के लिए 25 नए पद भी स्वीकृत हुए हैं। 50 विशेष सहयोगी दस्ता तैयार किया है। गृह जिले में पदस्थापना नहीं की जाती है, लेकिन शासन से हमने रिलेक्सेशन लिया है। ताकि गृह जिले में पोस्टिंग करवाकर सोर्स से जानकारी ले रहे हैं। इंटेलीजेंस के स्तर के साथियों को एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर ले जाने को लेकर एक सिस्टम तैयार किया है। स्पेशल डीजी रेंक के अफसर एंटी नक्सल ऑपरेशन देख रहे हैं। इसी का परिणाम है कि पिछले 6 महीने में अच्छे एनकाउंटर हुए हैं और 10 नक्सलियों को धराशायी किया जा चुका है। यह आज तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है। इसके पूर्व में एक वर्षभर में सर्वाधिक केवल 6 नक्सली के मारे जाने की जानकारी आई है।

क्यूआर कोड पर CP बोले

क्यूआर कोड हर थाने में लगेगा। पुलिस को लेकर आम जनता का क्या अनुभव रहा वे अपना फीडबैक उस पर दे पाएंगे। इसमें तीन तरह की प्रोसेस है। जिसमें अपनी जानकारी भरकर पुलिस स्टाफ को स्टार रेटिंग दे पाएंगे। फिर एसीपी और डीसीपी उसको मॉनिटर करेंगे। उस पर जो भी फीडबैक आएगा उसको लेकर स्क्रूटनी कर कार्रवाई भी होगी।

डायल 100 स्कीम पर यह बोले DGP

डायल 100 स्कीम हमने 2015 में शुरू की थी। इसमें रैपिड एक्शन के रूप में पुलिस एक कॉल पर मौके पर पहुंचती थी। वो स्कीम 5 साल के लिए थी। 2020 में वह समाप्त हो गई थी। उसके बाद नए सिरे से स्टैंडर्ड डिसाइड करके शुरू करना था। उसके टेंडर हुए, लेकिन वे धरातल पर नहीं आ पाए। इसी साल जनवरी के अंत में उसे दोबारा शुरू करने के लिए हमने एक टीम को काम दिया। इसके बाइ ई-टेंडर किया। अब वर्क ऑर्डर पिछले महीने जारी कर दिया है। हमारी कोशिश है कि 15 अगस्त से पूरी फोर्स नई डायल 100 स्कीम की गाड़ियों के साथ देखने को मिलेगी।

समीक्षा बैठक में ये अफसर रहे मौजूद

इस मौके पर आयोजित समीक्षा बैठक में इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह, ग्रामीण IG अनुराग, अति. पुलिस आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) अमित सिंह, अति. पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) मनोज श्रीवास्तव, DIG इंदौर रेंज निमिष अग्रवाल, DIG निमाड़ रेंज सिद्धार्थ बहुगुणा, साथ ही धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी, बुरहानपुर के SP और इंदौर के सभी DCP उपस्थित रहे। MP News | MP

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