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पति राजा रघुवंशी की हत्या की मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड बनकर सामने आई पत्नी सोनम रघुवंशी को मेघालय पुलिस गिरफ्तार कर गाजीपुर यूपी से लेकर मंगलवार सुबह पटना पहुंच गई है। यहां से वह गुवाहाटी होकर शिलांग जाएगी। वहीं आरोपी आनंद को भी सागर से गिरफ्तार कर पुलिस द्वारा मंगलवार सुबह इंदौर कोर्ट में पेश किया गया। यहां से ट्रांजिट रिमांड ले ली गई है। अब सभी चारों आरोपी सोनम के प्रेमी राज कुशवाह, आनंद कुर्मी, आकाश राजपूत और विशाल चौहान को मेघालय पुलिस शिलांग लेकर जा रही है। इसके बाद सभी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। पुलिस ने सोनम समेत सभी को हत्या में आरोपी बनाया है। देश को चौंका देने वाले इस हनीमून कपल की मर्डर मिस्ट्री की पूरी A टू Z कहानी यह है।
क्या सवाल उठ रहे हैं इस मर्डर मिस्ट्री में
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सोनम ने हत्या क्यों की, प्रेम राज से था तो राजा से शादी नहीं करती
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यह प्लानिंग कब की और कैसे पूरी वारदात को अंजाम दिया?
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राजा को जब मारा तो क्या सोनम साथ थी, वह उस दौरान क्या कर रही थी?
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सोनम इतने दिन कहां छिपी रही और फिर अचानक सामने क्यों आई?
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मेघालय पुलिस को कब सोनम पर शक हुआ और कैसे हत्यारों तक पहुंची?
यह है मर्डर मिस्ट्री की सिलसिलेवार पूरी कहानी
सोनम का अपने से छोटे राज से था प्रेम
सोनम अपने पिता देवी सिंह का पूरा प्लाईवुड कारोबार संभालती थी। उसके पास भी बैंक में काफी पैसा था। यहीं पर उसे बिलिंग काम देखने वाले राज से प्रेम हो गया, जो उम्र में उससे छोटा था। सोनम को उससे शादी करना थी, लेकिन पिता देवीसिंह हार्ट के मरीज थे और वह समाज में ही शादी चाहते थे। सोनम पिता को मना नहीं कर सकी। इसके बाद रघुवंशी समाज के एप, मेट्रोमोनियल से शादी के रिश्ते देखे गए, तीन लड़के देखने आए, इसमें राजा को पसंद किया गया।
राजा से शादी क्यों की और हत्या का ख्याल कब आया
सोनम और राज में घंटों बातें होती थी। इस बारे में भी लगातार बात हुई कि पिता नहीं मानेंगे। जब राजा शादी के लिए तय हुआ और 11 फरवरी 2025 को शादी का रोका हुआ, तब सोनम की प्लानिंग शुरू हुई। राज के साथ प्लानिंग की गई कि ऐसे तो पिता शादी के लिए तैयार नहीं होंगे लेकिन यदि वह विधवा हो गई तो शादी के लिए पिता दूसरे समाज में भी मान जाएंगे। तय किया गया कि शादी के बाद पति राजा को मार देंगे और विधवा होकर राज के साथ शादी कर लेगी, साथ ही इंदौर और देश के बाहर ही जाकर सैटल हो जाएंगे।
शादी के बाद कैफे में की प्लानिंग
राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई। इसके बाद भी राज और सोनम की घंटों बात होती थी और इसी के चलते राजा ने अपने मां उमा रघुवंशी से कहा भी था कि सोनम को मुझमें कोई इंटरेस्ट ही नहीं है। वह बात ही नहीं करती है। वहीं सोनम और राज 16 मई को सुपर कॉरिडोर पर एक कैफे में मिले और यहां पर हत्या के लिए पूरी प्लानिंग को अंतिम रूप दिया गया। सोनम राजा के साथ किसी भी हाल में ज्यादा दिन नहीं रहना चाहती थी और जल्द से जल्द जो शादी के पहले सोचा था पति को मारकर विधवा बनकर राज के साथ रहना उसे पूरा करना चाहती थी।
प्लानिंग में यह सब हुआ तय
प्लानिंग में तय किया गया कि अब सोनम और राज मोबाइल पर बात नहीं करेंगे। दूसरा मोबाइल और सिम दी गई, जिससे वह हत्या के आरोपियों के साथ संपर्क में रहें। तय किया गया कि इंदौर से दूर हत्या की जाए, सुनसान क्षेत्र में हैं। इसके बाद सोनम ने प्लानिंग की और राजा और खुद के टिकट बेंगलुरू होकर गुवाहाटी, शिलांग जाने के टिकट कराए, वापसी के टिकट नहीं कराए। वहीं राज ने तीनों अपने पुराने दोस्त विशाल, आनंद और आकाश को साथ लिया। तीनों की ट्रेन से टिकट गुवाहाटी की करा दी गई। साथ ही अलग मोबाइल नंबर और सिम दी गई।
गुवाहाटी में केवल तीन गए, राज नहीं गया, यहां हथियार लिया
इसके बाद तीनों हत्यारे गुवाहाटी पहुंच गए। उधर 21 मई को राजा-सोनम भी पहुंच गए, यहां एक दिन रहे। हत्यारों ने यहां ऑनलाइन डावो (पेड़ काटने का तेज धारदार) हथियार ऑनलाइन बुलाया। सोनम लगातार हत्यारों के संपर्क में थी और अपनी जीपीएस लोकेशन भेज रही थी। इसके बाद सभी 22 को अलग-अलग शिलांग पहुंच गए।
शिलांग में ही हत्या करना तय किया, लोकेशन भेजती रही सोनम
शिलांग में जहां राजा-सोनम रुके, उससे एक किमी दूर ही हत्यारे रुके और सोनम लगातार जीपीएस लोकेशन भेजती रही। जिस दिन का सीसीटीवी वीडियो सामने आया उस दिन भी हत्यारे लगातार संपर्क में थे। सोनम होटल के बाहर उन्हें ही लोकेशन भेज रही थी।
20 लाख दूंगी इसे मार दो, चिल्लाई सोनम और हो गया खेल
23 मई को दोनों घूमने निकले, यहां पर तीनों हत्यारों ने भी राजा से मप्र और हिंदीभाषी होकर दोस्ती कर ली और साथ में चलने लगे। इसी दौरान दोपहर डेढ़ बजे करीब राजा की मां का फोन आया, सोनम ने थोड़ी देर बात की और फिर बाद में बात करने का बोल रख दिया, एकादशी व्रत के चलते उपवास की बात भी सास से की। हत्या की साजिश में शामिल आकाश रास्ते में नजर रख रहा था कि कोई आए नहीं। इसके बाद जैसे ही मौका मिला सोनम ने हत्यारों को हत्या करने का बोला, लेकिन पहाड़ी चढ़ने से वह थक गए तो उन्होंने मना किया इस पर सोनम ने कहा कि 20 लाख दूंगी मार दो। इसके बाद हत्यारे आगे बढ़े और डाव हथियार से राजा के पीछे सिर पर वार कर दिया। सोनम जोर से चीखे मार दो इसे, इसके बाद फिर सिर पर एक और वार किया गया। राजा ने बचने की कोशिश की लेकिन खून बहुत बहने से वह लड़ने की हालत में नहीं बचा और गिर गया। इसके बाद हत्यारों ने मिलकर राजा को करीब 7 फीट ऊंची नुकीली फेंसिंग के ऊपर से नीचे खाई में फेंक दिया, इसमें सोनम ने भी राजा को उठाकर फेंकने में मदद की। इस दौरान हत्यारों ने राजा की चेन, अंगूठी आदि निकाल लिए। वहीं सोनम ने राजा के पर्स में रखे 15 हजार रुपए भी निकालकर हत्या को खर्च के लिए दे दिए। हत्यारों ने बाकी पैसे मांगे तो कहा बाद में सब दूंगी। इसके बाद हत्यारे मौके से निकल गए, विशाल इंदौर आ गया, आकाश ललितपुर चला गया और आनंद सागर चला गया सोनम भी उसी दिन शिलांग से निकल गई।
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राजा की हत्या के बाद अंतिम संस्कार में शामिल हुआ था सोनम का प्रेमी और मास्टर माइंड राज कुशवाह
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पहले हनीमून कपल के मिसिंग का मामला था, फिर हुई हत्या
लगातार मोबाइल बंद होने के बाद परिजन शिलांग पहुंचे, उन्होंने पुलिस को शिकायत की, इसके बाद सर्चिंग शुरू हुई। मेघालय पुलिस कठघरे में आ गई। इस पर मेघालय पुलिस ने जांच तेज की। पहले मामला दोनों कपल के मिसिंग का था। इसी दिशा में जांच की लेकिन दो जून को राजा की बॉडी मिल गई और परिजनों ने सोनम के बांग्लादेश में बेचे जाने के आरोप लगा दिए। इसके बाद एसआईटी बनाई गई और मेघालय पुलिस ने अब हत्या के मामले से जांच तेज कर दी।
राज इतना शातिर, अंतिम संस्कार में गया, सोनम के लिए दुआएं मांगी
राज इतना शातिर था, जब पांच जून को राजा की बॉडी इंदौर आई और अंतिम संस्कार हुआ तो वह सोनम के परिवार को लेकर राजा के घर गया। पिता देवीसिंह के साथ साए की तरह रहा और उन्हें संभाला। सोनम के लिए लगातार वह मंदिर गया और दुआएं करने का नाटक किया। ताकि उस पर किसी भी तरह से कोई शक नहीं हो। वह हत्या को पूरी तरह से इंदौर से मैनेज कर रहा था और खुद शिलांग नहीं गया था, ताकि कोई शक नहीं रहे।
पेटीएम ने खोल दिया राज का चिट्ठा फिर हुए खुलासे
एसआईटी में सायबर एक्सपर्ट ने राजा और सोनम के बैंक खातों की भी डिटेल निकाली तो सोनम के इसमें ई वालेट पेटीएम की जानकारी मिली। इसमें पता चला कि यह राज के नाम पर है। इसके बाद राज और सोनम के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली तो पुलिस चौंक गई दोनों के बीच लंबे समय से घंटों बात होती रही है। इसके बाद राज निशाने पर आ गया। फिर राज किनसे संपर्क में हैं और सोनम अन्य किन नंबर पर सतत संपर्क में है इसकी जानकारी निकाली गई तो आकाश, विशाल, आनंद की भी जानकारी सामने आ गई। इसी दौरान गाइड का भी बयान सामने आ गया था जिसमें था कि तीन हिंदीभाषी लोगों को साथ में देखा था, इससे सब पुष्टि हो गई। इसके बाद मेघालय पुलिस ने मप्र पुलिस से मदद मांगी।
सोनम को वीडियो कॉल पर दिखाया गिरफ्तार राज तो टूट गई
मेघालय पुलिस को पुलिस कमिशनर संतोष सिंह ने पूरी टीम बनाकर दी और सब तरफ से मदद की। रात डेढ़ बजे राज को और विशाल उर्फ विक्की ठाकुर को नंदबाग इंदौर से उठाया गया और इन्हें डीसीपी क्राइम राजेश त्रिपाठी के बंगले पर रखा। यहां रात तो एडिशनल सीपी अमित सिंह पहुंचे और फिर पूछताछ शुरू की गई। लेकिन दोनों ने हत्या में इनकार किया। राज बोला सोनम से प्रेम है लेकिन राजा की हत्या नहीं की। विशाल बोला वह तो नार्थ ईस्ट में गांजा लेने गया था। इसी बात नंदगंज (गाजीपुर-यूपी) पुलिस से पता चला कि सोनम को ढाबे से रिकवर कर लिया गया। इसके बाद सोनम से वीडियो कॉल के जरिए इंदौर पुलिस ने बात की। सोनम सवालों को टालती रही लेकिन जैसे ही मोबाइल कैमरा राज की और करा तो सोनम टूट गई और फिर पूरी वारदात की पोल खुल गई।
प्लानिंग थी राज से शादी कर बाहर सैटल हो जाए
सोनम की प्लानिंग थी कि वह दूर यूपी में जाकर यह बताएगी कि उसके पति की हत्या की गई और उसे किडनैप किया गया और यहां छोड़ दिया गया। इसी प्लानिंग के तहत सोनम रविवार-सोमवार की दरमियानी रात को काशी ढाबे गाजीपुर में सामने आई और परिजन को फोन कर कहा कि मैं बिट्टी यहां पर हूं। सोनम खुद को पीड़ित बताकर बचना चाहती थी, प्लानिंग थी विधवा होने पर कुछ दिन बाद राज से शादी करूंगी और फिर देर-सबेर देश के बाहर जाकर सैटल हो जाउंगी। लेकिन राज और सोनम का जब वीडियो कॉल पर सामना हुआ तो बेवफाई सामने आ गई।
बस इन सवालों के राज बाकी, सोनम इतने दिन कहां रही और क्या किया
पुलिस के पास इस हत्याकांड में पुख्ता सबूत है, जैसा की शिलांग एसपी विवेक सिम ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया। हथियार खरीदने, हत्यारों के बीच आपसी बात-चीत के रिकार्ड, ई वालेट के रिकार्ड, गाइड के बयान सभी को साथ में देखने के गाइड के बयान सभी कुछ है। बस पुलिस को सोनम का इकबालिया बयान लेना है और पूरी प्लानिंग समझना है खासकर वह 23 मई से मिलने तक नौ जून तक कहां पर रही और किन-किन ने इस काम में मदद की और कोई आरोपी तो साथ में नहीं है।
राजा के परिजन गुस्से में तो सोनम के घरवाले मान रहे बेकसूर
उधर इस हत्याकांड के खुलासे के बाद राजा रघुवंशी के परिजन बेहद गुस्से में हैं। उन्होंने सोनम की सारी फोटो में आग लगा दी और सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने भी माना कि राज का आना-जाना था और सोनम के मुंह से कई बार राज का नाम सुना है। वहीं सोनम के घर वाले अभी भी अपनी बेटी को बेकसूर मान रहे हैं और उनका कहना है कि बिट्टी सोनम की खबर तो हमने ही पुलिस को दी है। हालांकि ढाबे वाले ने ही 112 नंबर पर फोन कर सोनम रघुवंशी के ढाबे पर होने की खबर पहले ही दे दी थी। सोनम के घरवाले इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए मेघालय पुलिस पर बेटी को फंसाने के आरोप लगा रहे हैं। उधर मेघालय पुलिस का कहना है कि सोनम इस हत्या में शामिल थी और वह और राज प्राइम एक्यूस्ड है।
सोनम ने हत्यारों के भी टिकट खुद कराए
सोनम (24) ने अपने हनीमून टूर पर जाने के टिकट खुद ही करवाए साथ ही चारों आरोपियों राज कुशवाहा (19), आकाश राजपूत (23), आनंद कुर्मी (21) और विशाल चौहान (23) के हत्या के लिए शिलांग आने के लिए गुवाहटी तक का ट्रेन का टिकट खुद कराया था। राज तीनों साथियों के साथ इंदौर रेलवे स्टेशन पहुंचा। लेकिन खुद नहीं गया और इंदौर में रहकर पूरी प्लानिंग को अंजाम पर पहुंचाया।
प्रेमी राज को खूब शॉपिंग कराती थी सोनम
सोनम, राज को बहुत पसंद करने लगी थी। राज के पास पैसों की तंगी रहती थी, लेकिन सोनम उस पर जमकर खर्च करती। उसे कपड़े दिलाती, शॉपिंग कराने ले जाती, लेकिन यह सब पिता देवीसिंह और भाई गोविंद से छिपाकर करती। क्योंकि सोनम कारोबार संभालती थी तो उसे पैसों की कमी नहीं रहती थी। राज ने सोनम को दोस्त आकाश और विशाल से भी मिलवाया था। वहीं सोनम ने हत्या के लिए राज और आरोपियों को 50 हजार रुपए दिए थे। सोनम ने हनीमून में जाने से पहले खाते से 9 लाख रुपए भी निकाले थे।
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