रविकांत दीक्षित, भोपाल. मध्यप्रदेश के मुखिया सीएम मोहन यादव ने शुक्रवार, 24 मई को राज्य मंत्रालय में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। बैठक के बीच डीजीपी सुधीर सक्सेना प्रजेंटेशन दे रहे थे। उन्होंने अपने फोटो लगा रखे थे। बोले, मैं खुद नाइट विजिट पर जाता हूं। इस पर सीएम डॉ.यादव ने सवाल किया कि इसके बाद कब-कब गए बताएं? यह सुनते ही DGP Sudhir Saxena को कोई जवाब नहीं सूझा।
CM Mohan Yadav ने आक्रामक अंदाज में पूछा कि अच्छा ये बताएं कि आप लोगों की मॉनीटरिंग इतनी स्ट्रांग है तो बताइए कि कल रात में किस-किस अधिकारी ने नाइट विजिट किया था। सीएम के यह कहते ही मीटिंग में सन्नाटा खिच गया। जब किसी ने जवाब नहीं दिया तो सीएम बोले- आप लोग अपनी पीठ थपथपाना बंद करो। ऐसा नहीं चलेगा।
सीएम यहीं नहीं रुके। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि पुलिस महकमे में कभी भी किसी का डिमोशन हो जाता है तो कभी प्रमोशन। मुझे पूरी सूची बताई जाए कि कब और कितने अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन, डिमोशन व बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई हुई है। दरअसल, सीएम के पास शिकायत आई थी कि बड़े अधिकारी अपनी मर्जी से प्रमोशन-डिमोशन कर रहे हैं।
जिलों की सीमा का करें निर्धारण
बैठक में सीएम ने निर्देश दिए कि प्रदेश में थानों की सीमा का निर्धारण तो हो गया है। अब जिलों के एसपी से जिलों की पुलिस सीमा का निर्धारण किया जाए, ताकि बार-बार सीमाओं की गफलत न हो। सीएम बोले, नक्सलियों के खात्मे के लिए पड़ोसी राज्यों की पुलिस से संपर्क किया जाए। जरूरत पड़े तो मध्य प्रदेश पुलिस दूसरे राज्यों के साथ संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दे।
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ऑटो-रिक्शा के लिए प्रीपेड काउंटर बनाओ
बैठक में CM Mohan Yadav के तेवर गर्म रहे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जुटा, सट्टा और गोकशी करने वालों को किसी भी कीमत पर छोड़ा न जाए। ऑटो-रिक्शा वालों की दरें तय हों। प्रीपेड काउंटर बनाए जाएं, ताकि वे सवारियों ने अनावश्यक किराया न वसूल सकें।
पुलिस वाले अब वसूली करेंगे तो...
बाहर से प्रदेश में आने वाली गाड़ियों से पुलिस वालों द्वारा वसूली किए जाने पर सीएम ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि मेरे पास पुलिस की वाहन चालकों से अवैध वसूली की शिकायतें आ रही हैं। जल्द ही इस पर लगाम न लगी तो वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।