मध्यप्रदेश की धार भोजशाला को लेकर सकलचंद जैन दिल्ली की ओर से इंदौर हाईकोर्ट में लगाई याचिका खारिज कर हो गई है। जैन समाज की लगाई याचिका को कोर्ट ने यह कहकर खारिज किया कि याचिका निर्धारित प्रारूप में नहीं है। वहीं, याचिकाकर्ता ने निर्धारित प्रारूप में फिर से याचिका प्रस्तुत करने की बात कही। याचिकाकर्ता ने भोजशाला को जैन मंदिर बताया था साथ ही जैन गुरुकुल होने की बात भी कही थी।
याचिका में हुई देरी की वजह साफ नहीं
न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की एकल पीठ के सामने भोजशाला पर दावे के मामले में शुक्रवार, 5 जुलाई को सुनवाई हुई। सुनवाई करीब 2 मिनट चली। कोर्ट ने कहा कि याचिका निर्धारित प्रारूप में नहीं है। याचिका प्रस्तुत करने में हुई देरी की वजह भी साफ नहीं है। ऐसी स्थिति में याचिका पर आगे सुनवाई नहीं की जा सकती। वहीं दूसरी तरफ एएसआई ने अभी भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की है। 15 जुलाई तक का समय कोर्ट ने दिया है। मामले में 22 जुलाई को अगली सुनवाई होना है। सर्वे रिपोर्ट से ही तय होगा कि भोजशाला में मंदिर था या मस्जिद।
फिर लगाएंगे याचिका
अब याचिकाकर्ता निर्धारित प्रारूप में नई याचिका दायर कर सकते हैं। उन्हें ये भी बताना होगा कि याचिका प्रस्तुत करने में देरी क्यों हुई है। बता दें जैन समाज की तरफ से लगाई गई याचिका में दावा किया गया था कि भोजशाला धार के एएसआई के सर्वे में जैन तीर्थंकर और देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं। मूर्तियों को जैन समाज को सौंपा जाए। भोजशाला स्थल पर जैन गुरुकुल और मंदिर था।