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मध्य प्रदेश के धार जिले में माइनिंग इंस्पेक्टर संदेश पिपलोदिया को कलेक्टर द्वारा पद से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई उस समय हुई जब केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने एक बैठक में उन पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया। धार कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में राज्यमंत्री ने कहा कि पिपलोदिया खनन से जुड़े मामलों में लोगों से अवैध रूप से पैसे लेने की मांग कर रहे थे।
राज्यमंत्री का आरोप था कि माइनिंग इंस्पेक्टर खुलेआम कह रहे थे कि यदि लोग नेताओं के माध्यम से आते हैं तो उन्हें ज्यादा पैसे देने होंगे, जबकि सीधे मिलने पर कम पैसे में काम हो जाएगा। इस गंभीर आरोप के बाद धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने माइनिंग इंस्पेक्टर संदेश पिपलोदिया को तत्काल पद से हटा दिया और उन्हें जिला कार्यालय में अटैच कर दिया गया।
कारण बताओ नोटिस जारी, जांच के आदेश
माइनिंग इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों के बाद जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ कार्य में लापरवाही को लेकर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने स्पष्ट किया कि इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी और अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्रशासनिक टीम ने अलग से जांच शुरू कर दी है, जिससे इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके।
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अवैध उत्खनन के मामले से जुड़ा विवाद
सूत्रों के अनुसार, माइनिंग इंस्पेक्टर संदेश पिपलोदिया के खिलाफ यह विवाद तब शुरू हुआ, जब उन्होंने धामनोद क्षेत्र में अवैध उत्खनन में इस्तेमाल की जा रही एक जेसीबी मशीन जब्त की थी। बताया जा रहा है कि यह जेसीबी एक स्थानीय बीजेपी नेता की थी। इस घटना के बाद उन पर रिश्वत लेने के आरोप लगे, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया। हालांकि, प्रशासन ने इसे सीधे अवैध उत्खनन से जोड़ने के बजाय कार्य में लापरवाही का मामला मानते हुए कार्रवाई की है।
कलेक्टर ने दी सफाई, कहा- जनता की शिकायतों पर हुई कार्रवाई
इस पूरे मामले पर धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा का कहना है कि माइनिंग इंस्पेक्टर के खिलाफ कई लोगों की शिकायतें मिल रही थीं। जनता द्वारा बार-बार भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही के आरोप लगाए जा रहे थे। कलेक्टर के अनुसार, इसी आधार पर यह कार्रवाई की गई है, ताकि जिले में प्रशासनिक कार्य पारदर्शी तरीके से संचालित हो सके।
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क्या आगे होगी बड़ी कार्रवाई?
इस मामले ने जिला प्रशासन में हलचल मचा दी है। माइनिंग विभाग पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन किसी केंद्रीय मंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद यह मामला और गंभीर हो गया है। अब यह देखना होगा कि जांच में क्या सामने आता है और प्रशासन इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है।
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