धार से बीजेपी विधायक नीना वर्मा को बड़ी राहत मिल गई है। उनके खिलाफ लगी चुनाव याचिका हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ से खारिज हो गई है। उन पर आरोप था कि चुनाव नामांकन फार्म में जानकारी छिपाई गई है।
उन पर पुरानी चुनाव याचिका में दस हजार की कॉस्ट लगी थी, जो फार्म में नहीं बताई गई। लेकिन वर्मा द्वारा पेश दस्तावेज के बाद यह आपत्ति गलत पाई गई।
नीना वर्मा ने बता दिया सुप्रीम कोर्ट का आर्डर
याचिकाकर्ता सुरेश भंडारी ने आरोप लगाया था कि पुरानी चुनाव याचिका के दौरान उन पर दस हजार की कॉस्ट लगाई गई थी, जो इस नामांकन फार्म में नहीं बताया गया।
नीना वर्मा की ओर से सीनियर अधिवक्ता चंपालाल यादव ने सुप्रीम कोर्ट का आर्डर रख दिया, जिसमें बताया गया कि इस कॉस्ट पर अंतरिम रोक लग गई थी। लेकिन याचिकाकर्ता भंडारी ने इस अंतरिम रोक की बात छिपा ली और सही तथ्य बताए बिना याचिका लगाई है।
इन तथ्यों के बाद कर दी खारिज
इन तथ्यों के सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक के बाद इस तथ्य की जानकारी देने की जरूरत ही नामांकन फार्म में नहीं रह गई थी। उल्लेखनीय है कि एक बार नीना वर्मा का चुनाव खारिज हो चुका है। ऐसे में इस याचिका के खारिज होने से उन्हें बड़ी राहत मिली है।
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