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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह एक बार फिर पार्टी के लिए मुसीबत बन गए हैं। पार्टी विरोधी बयानों की लंबी श्रृंखला के बाद अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने लक्ष्मण सिंह को कांग्रेस शोकॉज नोटिस (Congress Show Cause Notice) भेजा है। इस नोटिस में उनसे 10 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उन्होंने मीडिया के सामने पार्टी के नेताओं और नीतियों के खिलाफ बयान क्यों दिए।
उमर अब्दुल्ला पर लगाया आतंकियों से संबंध का आरोप
लक्ष्मण सिंह ने 24 अप्रैल को गुना जिले के राघौगढ़ में हुए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि "उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिले हुए हैं" और कांग्रेस को ऐसे व्यक्ति से समर्थन तुरंत वापस ले लेना चाहिए।
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राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा को भी घेरा
लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें सोच-समझकर बोलना चाहिए। उन्होंने खुलेआम कैमरे पर यह बयान दिया कि अगर पार्टी चाहे तो उन्हें अभी निकाल सकती है। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) को "बचकाना" बताते हुए उनके एक बयान की आलोचना की, जिसमें वाड्रा ने कहा था कि "मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देने के कारण आतंकवादी हमला हुआ।"
लक्ष्मण सिंह के बारे में...
🔹 लक्ष्मण सिंह – पूर्व सांसद, गुना
🔹 कांग्रेस में सक्रिय पर अक्सर पार्टी लाइन से हटकर बयान
🔹 बड़े भाई दिग्विजय सिंह – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
🔹 पार्टी विरोधी बयान देने का इतिहास
पुलिस की नाकामी और सरकार पर सवाल
लक्ष्मण सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि "जहां टूरिस्ट थे, वहां एक भी पुलिसकर्मी क्यों नहीं था?" उन्होंने सेना की तैनाती पर भी तंज कसते हुए कहा कि यह चुनी हुई सरकार तय करती है कि सेना कहां तैनात होगी, लेकिन सुरक्षा की असली जरूरत जहां थी, वहां कोई तैनाती नहीं थी।
शॉर्ट में समझें पूरी खबर
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कांग्रेस पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
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नोटिस में कहा गया है कि सिंह के लगातार सार्वजनिक बयान पार्टी की छवि और अखंडता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके हालिया बयान स्वीकार्य सीमाओं से परे हैं, विशेष रूप से राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ की गई टिप्पणियाँ।
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इससे पहले भी सिंह ने राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के बाद उनकी आलोचना की थी।
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उन्होंने राहुल को याद दिलाया था कि जब अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे, तब उन्होंने कभी विदेश में भारत की आलोचना नहीं की थी।
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सिंह ने लोकसभा में राहुल गांधी के पहले भाषण को लेकर भी नकारात्मक टिप्पणी की थी, जिससे पार्टी पहले से असहज थी।
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इन सभी बयानों को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत के साथ जवाब देने को कहा है।
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पार्टी का मानना है कि ऐसे बयान कांग्रेस की रणनीति और सार्वजनिक छवि को कमजोर करते हैं।
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कांग्रेस नेतृत्व अब इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहा है।
पार्टी में बढ़ रही थी कार्रवाई की मांग
लक्ष्मण सिंह के पार्टी लाइन से हटकर लगातार बयानों से पार्टी में असंतोष बढ़ता जा रहा था। राहुल गांधी, जीतू पटवारी और यहां तक कि अपने भाई दिग्विजय सिंह पर भी निशाना साध चुके लक्ष्मण सिंह को लेकर पार्टी कार्यकर्ता और नेता अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
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कांग्रेस की सख्त चेतावनी: अनुशासन ही प्राथमिकता
एमपी कांग्रेस के संगठन प्रभारी संजय कामले ने स्पष्ट किया कि यह शोकॉज नोटिस पार्टी की अनुशासन नीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा,
"कांग्रेस में किसी भी स्तर पर असम्मानजनक और अनुशासनहीन व्यवहार को स्वीकार नहीं किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया या सार्वजनिक मंचों पर इस प्रकार की टिप्पणियाँ पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।
लक्ष्मण सिंह की सफाई का इंतजार
अब देखना होगा कि लक्ष्मण सिंह पार्टी को क्या जवाब देते हैं। क्या वे अपने बयानों पर कायम रहेंगे या कांग्रेस नेतृत्व से माफी मांगेंगे। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह कितना भी वरिष्ठ नेता क्यों न हो।
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