कांग्रेस में कौन है कान फूंकने वाला? दिग्गी का बड़ा बयान- दिग्विजय जाए भाड़ में, कांग्रेस से जोड़ो

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस में छिपी अंदरूनी कलह को सार्वजनिक कर दिया है। ग्वालियर में कार्यकर्ताओं से संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर विचारधारा को लेकर संघर्ष चल रहा है...

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Sandeep Kumar
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MP News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान ने कांग्रेस में हलचल मचा दी है। ग्वालियर में कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने पार्टी में विचारधारा की लड़ाई की बात स्वीकार की। दिग्विजय सिंह ने ‘कान फूंकने वालों’ पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि वे आखिरी सांस तक विचारधारा की लड़ाई लड़ेंगे।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कांग्रेस को संगठनात्मक बदलाव की जरूरत बताई। उन्होंने उन जिला अध्यक्षों को बदलने की बात की, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। दिग्विजय ने यह भी सुझाव दिया कि ज़िम्मेदारियां ऐसे नेताओं को दी जाएं, जो भाजपा से कोई समझौता न करें। यह बयान कांग्रेस के संगठनात्मक सुधारों के प्रयासों के बीच आया है। दिग्विजय के इस तेवर ने पार्टी के भीतर के अंतर्विरोधों को फिर से उजागर किया है।

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'कान फूंकने वालों' पर निशाना

दिग्विजय सिंह ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस में कुछ लोग नेताओं के कान भरने का काम करते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब एक कार्यकर्ता किसी युवक को लाने की बात करता है, तो वे जवाब देते हैं, "कांग्रेस से जोड़ो, दिग्विजय सिंह जाए भाड़ में।" इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि दिग्विजय सिंह खुद को संगठन से ऊपर नहीं मानते, बल्कि पार्टी की मूल विचारधारा को सर्वोपरि रखते हैं।

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पदाधिकारी वही जो भाजपा से न डरे

मीडिया से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने पार्टी के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, उन्हें बदलना चाहिए। इसके बजाय, नेतृत्व उन लोगों को सौंपा जाना चाहिए जो भाजपा से किसी भी तरह का समझौता न करें। इससे पार्टी को जमीनी स्तर पर अधिक मजबूती मिलेगी।

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नए चेहरों से ज्यादा जरूरी हैं पुराने सिपाही

दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा से कांग्रेस में आए नेताओं के बजाय, पुराने कार्यकर्ताओं को जिला अध्यक्ष पद दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने कम से कम पांच साल तक कांग्रेस के लिए काम किया है, उन्हीं को संगठनात्मक जिम्मेदारियाँ दी जानी चाहिए।

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मैं किसी गुट का हिस्सा नहीं

दिग्विजय सिंह ने अपने बयानों को लेकर विवाद से बचने की कोशिश की। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी गुट का समर्थन नहीं कर रहे हैं और न ही किसी व्यक्ति के पक्ष या विरोध में हैं। उन्होंने कहा, मैं इस मामले में पार्टी नहीं बनूंगा। ताकि यह संदेश दिया जा सके कि उनकी मंशा केवल विचारधारा की रक्षा है।

कांग्रेस के लिए चेतावनी या सुधार का संदेश?

दिग्विजय सिंह के बयान को दो दृष्टिकोणों से देखा जा सकता है। पहला, यह कांग्रेस के अंदर बढ़ते असंतोष की अभिव्यक्ति हो सकता है। दूसरा, यह एक अनुभवी नेता द्वारा पार्टी को आत्ममंथन का अवसर देने की कोशिश हो सकती है। दोनों दृष्टिकोणों से यह बयान कांग्रेस नेतृत्व के लिए एक चेतावनी है कि विचारधारा से समझौता पार्टी की जड़ों को कमजोर कर सकता है।

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