MP के 60% जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष पद खाली, कस्टमर को कैसे मिले न्याय

मध्य प्रदेश में जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं होने के कारण लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है। राज्य के 60% जिला उपभोक्ता आयोगों में सात साल से अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हुई है।

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Rohit Sahu
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मध्य प्रदेश के 60% जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं होने से लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है और उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। यह स्थिति पिछले सात सालों से बनी हुई है, जिससे उपभोक्ताओं (कस्टमर्स) को न्याय मिलने में देरी हो रही है। 

31 जिलों में नहीं है कंज्यूमर कमीशन अध्यक्ष

प्रदेश के 51 जिला उपभोक्ता आयोगों में से 31 आयोगों में अध्यक्ष पद खाली हैं, जिससे एक ही अध्यक्ष को तीन-तीन जिलों में प्रभारी अध्यक्ष के रूप में काम करना पड़ रहा है। नागरिक उपभोक्ता मंच ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर शीघ्र नियुक्ति की मांग की है, लेकिन सरकार के आश्वासन और अदालती निर्देशों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पी.जी. नाजपांडे ने पत्र लिखा है। इस पत्र में राज्य के 31 जिलों में अध्यक्ष पद रिक्त होने की समस्या को उठाया गया है। पत्र में कहा गया है कि राज्य उपभोक्ता आयोग की वेबसाइट पर 31 जनवरी तक 31 जिलों में अध्यक्ष पद रिक्त होने की पुष्टि की गई है। डॉ. नाजपांडे ने पत्र में रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग की है, ताकि उपभोक्ताओं को समय पर न्याय मिल सके।

सरकार ने दिया केवल आश्वासन

नागरिक उपभोक्ता मंच ने 2018 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्षों की नियुक्ति न होने की समस्या को उठाया गया था। सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया था कि जल्द ही नियुक्तियां की जाएंगी, लेकिन अब तक नियुक्तियां नहीं हो सकीं। इस कारण 2021 में सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका भी दायर की गई, लेकिन तीन साल बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

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कंज्यूमर फोरम की मांग

कंज्यूमर फोरम ने सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द अध्यक्षों की नियुक्ति कर लंबित मामलों के निपटारे में तेजी लाई जाए। ताकि उपभोक्ताओं को समय पर न्याय मिल सके और पेंडिंग केसों की संख्या कम हो सके। यह समस्या उपभोक्ताओं के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है, और इसका समाधान जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए।

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