मध्यप्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन (Administrative Reorganization) नवंबर 2024 से शुरू हो जाएगा। प्रदेश के नए जिले और तहसीलों के गठन की प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दिया जाएगा। इसके लिए आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों (Public Representatives) से प्रस्ताव मांगे जाएंगे। राज्य सरकार ने इस संबंध में परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) का गठन कर दिया है, जो इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करेगा।
पुनर्गठन की ये है योजना
मार्च 2024 में प्रदेश की प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन का प्रस्ताव (restructuring proposal) प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद से प्रदेश के कई क्षेत्रों में नए जिले और तहसीलों की मांग जोर पकड़ रही थी। खासकर बीना (Bina) और जुन्नारदेव (Junnardeo) को जिले का दर्जा देने की मांग जोरशोर से उठी थी। इसके मद्देनजर सरकार ने परिसीमन आयोग का गठन कर इस प्रक्रिया को गति देने का निर्णय लिया।
सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि, प्रदेश की प्रशासनिक संरचना को और मजबूत बनाने के लिए संभाग, उपसंभाग, जिले और तहसीलों का पुनर्गठन बेहद जरूरी है। इसके तहत आयोग जनप्रतिनिधियों और आम जनता से भी सुझाव आमंत्रित करेगा।
परिसीमन आयोग का कार्य
नवंबर से परिसीमन आयोग द्वारा राज्य के विभिन्न संभागों (divisions) का दौरा शुरू होगा। इस दौरान आयोग नए जिलों और तहसीलों के गठन के लिए आवेदन और सुझाव स्वीकार करेगा। आयोग के पास आवेदन प्रक्रिया के लिए 4 से 6 महीने का समय रहेगा, जिसमें वह नागरिकों के अभ्यावेदन (representations) का भी मूल्यांकन करेगा।
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दो नए जिलों की मांग
प्रदेश में लंबे समय से बीना और जुन्नारदेव को जिले का दर्जा देने की मांग की जा रही थी। इसके लिए राजस्व विभाग (Revenue Department) ने प्रस्ताव (proposals) भी तैयार किए थे, लेकिन इस बीच कई अन्य क्षेत्रों से जिलों और तहसीलों के पुनर्गठन की मांगें भी सामने आईं। यही वजह है कि सरकार ने प्रदेश के समग्र पुनर्गठन के लिए परिसीमन आयोग का गठन कर दिया।
दरअसल पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की प्रशासनिक संरचना (administrative structure) को मजबूत और कुशल बनाना है। नए जिले और तहसीलों के गठन से प्रशासनिक सुविधाओं (administrative facilities) में सुधार होगा और जनता को बेहतर सेवाएं प्राप्त होंगी। आयोग द्वारा निर्धारित मापदंडों के आधार पर नए जिलों और तहसीलों का गठन किया जाएगा।
आयोग के कार्यकाल
आयोग के दौरे और आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को प्रस्तुत की जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी होते ही नए जिलों और तहसीलों की घोषणा की जाएगी। परिसीमन आयोग का कार्यकाल (commission's tenure) 6 महीने का निर्धारित किया गया है, जिसके भीतर यह सारी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।
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