एमपी में डॉक्टरों की कमी, 4000 से ज्यादा विशेषज्ञ के पद खाली, भर्ती प्रक्रिया धीमी

मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। इस समय 4000 से ज्यादा पद खाली होने के बाद भी प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया बेहद धीमी है।

author-image
Abhilasha Saksena Chakraborty
New Update
MP doctor posts vaccant
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00
MP News: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी से मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा। वर्ष 2025 में 53 विशेषज्ञ डॉक्टर सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जबकि मेडिकल ऑफिसर और दंत चिकित्सकों सहित यह संख्या 80 से अधिक पहुंच रही है। इससे पहले से ही खाली चल रहे 3948 पदों (vacant posts) पर संकट और गहरा गया है।

खाली पदों के आंकड़े

राज्य में 5,443 विशेषज्ञों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल 1,495 पद ही भरे गए हैं। चिकित्सा अधिकारियों के 6,513 पदों में से 3,824 पद ही कार्यरत हैं और 2,689 पद खाली हैं। विशेषज्ञों की कमी का असर सीधे OPD सेवाओं पर पड़ रहा है। मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है, जो आम आदमी की जेब पर भारी है।

क्या कहते हैं ताजा आंकड़े

  • विशेषज्ञ पद: 5443
  • पदस्थ विशेषज्ञ: 1495
  • खाली पद: 3948
  • 2025 में सेवानिवृत्त होने वाले विशेषज्ञ: 53
  • CMHO/CS/DHO/BMO रिटायरमेंट: 21+

    भर्ती प्रक्रिया धीमी

चयन के बाद भी डॉक्टर नहीं कर रहे जॉइन
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के माध्यम से 1000 से अधिक विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रिया जारी है, लेकिन कई चयनित डॉक्टर जॉइन नहीं कर रहे। पिछली भर्ती में करीब 200 डॉक्टरों ने नियुक्ति स्वीकार नहीं की थी। इसकी वजह सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थागत समस्याएं, संसाधनों की कमी और कार्य का अत्यधिक दबाव बताया जा रहा है।
ये भी पढ़ें:

उप मुख्यमंत्री ने जताई चिंता

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने हाल ही में MPPSC कार्यालय का दौरा कर भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उनके अनुसार, प्रदेश में लगभग 3000 डॉक्टरों व स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया जारी है। हालांकि, शत-प्रतिशत पद भरने की कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं की गई है।

विशेषज्ञ डॉक्टरों के सेवानिवृत्त होने से बढ़ी चुनौती

सेवानिवृत्त होने वाले 53 विशेषज्ञों में ईएनटी, गायनिक, सर्जन, रेडियोलोजिस्ट, नेत्र रोग, ऑर्थोपेडिक्स, पैथोलॉजी, एनेस्थेसिया आदि क्षेत्रों के अनुभवी डॉक्टर शामिल हैं। इनकी जगह भरना आसान नहीं होगा, क्योंकि इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टरों की संख्या सीमित है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला MP News मध्य प्रदेश सरकारी अस्पताल डॉक्टर भर्ती प्रक्रिया