इंदौर में समय पर कर्मचारियों के अस्पताल में नहीं आने का मामला तो सामने आता ही है, अब डॉक्टर भी समय पर अस्पताल नहीं पहुंचते है, जिसके कारण मरीज परेशान होते हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने सरकारी दफ्तरों में निरीक्षण के बाद अब जिला अस्पताल का रूख किया। गुरुवार सुबह वह दौरे पर निकले तो डॉक्टर ही नहीं मिले।
26 में से 11 डॉक्टर मिले ही नहीं
कलेक्टर सिंह ने दौरे के दौरान उपस्थिति रजिस्टर चेक किया। इसमें पाया गया कि 26 में से 11 डॉक्टर नहीं आए हैं। इन सभी को नियमानुसार सुबह नौ बजे आना था। लेकिन वह नहीं पहुंचे थे। ओपीडी के बाहर मरीज डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे। तीन आयुष डॉक्टर भी गैर हाजिर थे, साथ ही स्टॉफ में भी तीन नहीं आए थे। नर्सिंग स्टॉफ में 39 में से 7 लोग गैर हाजिर मिले।
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निर्माण काम का भी जायजा लिया
कलेक्टर सिंह ने सीएमएचओ बीएस सैत्या और संयुक्त कलेक्टर प्रदीप सोनी के साथ पूरे जिला अस्पताल के निर्माण कामों का भी जायजा लिया। साथ ही जानकारी ली कि कब तक यह काम पूरे होंगे, क्या समस्या आ रही है और आगे क्या-क्या काम होना है।
निगम में भी जांच रहे उपस्थिति
वहीं निगमायुक्त शिवम वर्मा ने भी निगम दफ्तर में औचक निरीक्षण कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने एक ही दिन में 400 कर्मचारियों पर गैर हाजिर होने पर एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिए थे। वहीं कलेक्टर सिंह भी लगातार सरकारी दफ्तरों का दौरा कर उपस्थिति जांच रहे हैं।
एक-एक दिन के वेतन काटने की कार्रवाई
आयुष विंग के आयुष विशेषज्ञ डॉ शीतल सोलंकी, चिकित्सक बख्तियार अशरफी, कंपाउंडर कांजीलाल दामले का एक एक दिन का वेतन काटा जाएगा। उन्हें शो कॉज नोटिस देने की कार्रवाई भी की जाएगी।
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आरएमओ का एक माह का वेतन राजसात
आरएमओ डॉ. सतीश नीमा का एक माह के वेतन को राजसात किया जायेगा। आरएमओ जिला अस्पताल की जिम्मेदारी होती है की वे अस्पताल के डॉक्टर की उपस्थिति सुनिश्चित करें। आरएमओ को भी नोटिस जारी किया गया है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने अपने भ्रमण के दौरान पंचशील नगर तथा आजाद नगर स्थित संजीवनी क्लिनिक और आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने क्लीनिक और आंगनबाड़ी केंद्र की विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा। आंगनवाड़ी पंचशील नगर में पंजीकृत 103 बच्चों में से केवल 1 बच्चा उपस्थित पाया गया। कलेक्टर ने संबंधित विभागों को निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को दूर करते हुए व्यवस्था सुधार के निर्देश दिए।
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