किराए पर लेकर बेच दी दर्जनों Brand New कारें, गिरोह का भंडाफोड़

मध्यप्रदेश में जबलपुर में कार किराए पर लेकर दूसरे राज्यों में बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इन लोगों के पास से 1 करोड़ रुपए की कारें अब तक जब्त हुई हैं।

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Jitendra Shrivastava
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गिरोह का भंडाफोड़।

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नील तिवारी, JABALPUR. यदि आपके पास भी कोई कार है या कार खरीद कर उसे किसी एजेंसी के जरिए किराए पर चलने का मन बना रहे हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि जबलपुर पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो प्राइवेट नंबर की Brand New कारें कंपनी में लगाने के नाम पर किराए पर लेते थे और उसे दूसरे प्रदेशों में बेच देते थे।

कैसे सामने आया मामला

जबलपुर के हनुमानताल निवासी सत्येंद्र सिंह ठाकुर से पीयूष नायडू का संपर्क हुआ। खुद को टास्क फोर्स कंपनी का अभिकर्ता बताते हुए पीयूष ने सत्येंद्र को बताया कि वह प्राइवेट नंबर की कारों को कंपनी के माध्यम से किराए पर चलता है। उसके बाद सत्येंद्र से कंपनी के ही और चार अभिकर्ताओं अरुण मसीह, रेशु मसीह, पंकज खत्री तथा नवीन खत्री ने भी मुलाकात की। इन सभी ने मिलकर सत्येंद्र को यह बताया कि यदि वह अपनी कार को कंपनी में किराए पर लगता है, तो उसे हर माह 20 से 25 हजार रुपए किराया मिलेगा। उसके बाद सत्येंद्र ठाकुर उनके झांसे में आ गया और उसने बकायदा अनुबंध करते हुए अपनी कार इन्हें सौंप दी। इसके बाद दो से तीन माह तक सत्येंद्र को किराया भी दिया गया। सत्येंद्र को बिल्कुल भी भनक नहीं थी कि वह इन जालसाजों के जाल में फंस रहा है। कुछ समय के बाद आरोपियों ने उसे किराया देना बंद कर दिया और बताया कि उसकी कार चोरी हो चुकी है। कुछ जगहों पर पड़ताल करने के बाद सत्येंद्र को पता चला कि यह आरोपी इस तरह से कई लोगों को झांसा दे चुके हैं। तब सत्येंद्र ने पुलिस से संपर्क कर इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई।

गैंग में हर व्यक्ति को मिली थी अलग जवाबदारी

पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने आई कि पीयूष नायडू और नवीन खत्री का काम लोगों को अपनी बातों से झांसे में लेना और गाड़ियां फाइनेंस करवाना था। तो अरुण मसीह एक शातिर कार चोर है जिसके ऊपर पहले भी चोरी एवं धोखाधड़ी के प्रकरण दर्ज हैं। वहीं अरुण के बेटे रेशु मसीह के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाए जाते थे। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पियूष नायडू इन कारों को दूसरे प्रदेशों में बेच देता था। कार मालिकों को बताया जाता था कि उनकी कार चोरी हो गई है और ज्यादा पूछताछ करने पर मालिकों को धमकाने का जिम्मा रेशु मसीह के ऊपर था।

अहमदाबाद से पकड़े गए आरोपी

साइबर सेल की मदद से पुलिस को यह सूचना मिली कि आरोपियों ने अपना ठिकाना अहमदाबाद बनाया हुआ है। आरोपियों की लोकेशन ट्रैक करते हुए पुलिस अहमदाबाद पहुँची और आरोपी पंकज खत्री, पीयूष नाय़डू, नवीन खत्री को गिरफ्तार किया और  सूरत से तीन कारें भी बरामद की जिसमे एक अर्टिका कार, एक बलेनो कार, एक टाटा टिगोर कार थी ।

1 करोड़ कीमत की आठ कारें जब्त

जब आरोपियों को जबलपुर लाकर पुलिस ने कोर्ट से रिमांड ली तो पूछताछ में उन्होंने अपने गैंग के काम करने के तरीके और पूरे राज़ उगल दिए। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने जबलपुर में और भी लोगों को इस तरह का झांसा दिया है। इसमें से पुलिस ने अब तक एक करोड रुपए कीमत की कुल 8 कारें जब्त कर ली हैं, पुलिस के अनुसार अभी इस मामले में और भी प्रार्थी सामने आएंगे और कारें जब्त होंगी। वहीं इस मामले के अन्य आरोपी अरुण मसीह और रेशू मसीह अभी भी फरार हैं।

गिरोह का भंडाफोड़ Brand New कारें
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