डॉ. गोविंद सिंह की कोठी की नपाई की आंच भोपाल पहुंची, दिग्विजय और तोमर CM से मिले

मध्यप्रदेश के भिंड में पूर्व विधायक गोविंद सिंह की कोठी को लेकर प्रशासन की कार्रवाई को दो वरिष्ठ नेताओं ने गलत ठहराया है। माना जा रहा है कि अब इस मामले में सरकार के स्तर पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। 'द सूत्र' ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया था... 

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Jitendra Shrivastava
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BHOPAL. मध्यप्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. गोविंद सिंह की कोठी की नपाई कराना प्रशासन को भारी पड़ता नजर आ रहा है। इस मामले में ग्वालियर-चंबल के ठाकुर नेता एक हो गए हैं। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई को गलत ठहराया है। माना जा रहा है कि इस मामले में सरकार के स्तर पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। 'द सूत्र' ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।  

कुल मिलाकर मामला अब जातिगत हो गया

शुक्रवार, 19 जुलाई को मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दि​ग्विजय सिंह ने सीएम डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने डॉ. गोविंद सिंह की कोठी के किए गए सीमांकन को गलत बताया। कुल मिलाकर ये पूरा मामला अब जातिगत हो गया है। पार्टियों की विचारधारा से इतर बीजेपी और कांग्रेस नेता डॉ.गोविंद सिंह का सपोर्ट कर रहे हैं। इस विवाद की जड़ भी जातिगत ही है। ब्राह्मण और ठाकुरों की सियासत कोठी पर आ ठिठकी है। 

यह है मामला

दरअसल, भिंड जिले के लहार में 18 जुलाई को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह की कोठी की नापजोख की गई थी। आरोप है कि स्थानीय लोगों ने डॉ. गोविंद सिंह द्वारा सरकारी रास्ते पर कब्जा कर कोठी बनाने की शिकायत की थी। इसके बाद प्रशासन ने सीमांकन कराया। डॉ. गोविंद सिंह के पुत्र डॉ. अमित प्रताप सिंह ने सर्वे नंबर 2715, 2716 का सीमांकन कराने पर आपत्ति जताई थी। इस मामले में कांग्रेस ने विरोध किया था। 

सामाजिक नेताओं ने संभाला मोर्चा 

अब मामले ने तूल पकड़ लिया है। भिण्ड से उठी सियासी आग की आंच राजधानी भोपाल तक आ पहुंची है। ठाकुर नेता एक हो गए हैं। ग्वालियर-चंबल में इसे लेकर 18 जुलाई को सामाजिक नेताओं ने अपना विरोध भी दर्ज कराया था। अब नरेंद्र सिंह तोमर और दिग्विजय सिंह ने सीएम डॉ.मोहन यादव ने मुलाकात कर अपनी बात रखी है। सूत्रों के अनुसार, इस केस में सरकार कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई कर सकती है। 

तीन किरदार सबसे अहम 

कोठी की नपाई को समझने के लिए थोड़ा पीछे भी चलना होगा। तीन किरदार इसमें अहम हैं। पहले हैं लहार से बीजेपी विधायक अम्बरीश शर्मा। दूसरे हैं सीएमओ रमाशंकर शर्मा और तीसरा किरदार हैं राजा सेंगर। दरअसल, कुछ समय पहले डॉ.गोविंद सिंह ने सीएमओ रमाशंकर शर्मा को सस्पेंड करा दिया था। इसके बाद डॉ.गोविंद सिंह चुनाव हार गए। विधायक बने अम्बरीश शर्मा ने सीएमओ रमाशंकर को बहाल करा लिया। 

असल मुद्दा यह है साहब... 

सीएमओ की बहाली के बाद ठाकुर बनाम की अदावत और बढ़ गई। नगर पालिका ने डॉ.गोविंद सिंह के खास राजा सेंगर के मकान पर कार्रवाई कर दी। यहां से मामले ने और तूल पकड़ लिया। इसी बीच पता चला कि डॉ.गोविंद सिंह ने एक महिला की जमीन पर भवन बनाया है, जो अधिक जगह में बनाया गया। बस फिर क्या था, इसी को आधार बनाते हुए विधायक अम्बरीश शर्मा ने प्रशासन को भरोसे में लिया और नगर पालिका सीएमओ रमाशंकर शर्मा ने अपनी ​पुरानी अदावत को भुनाते हुए डॉ.गोविंद सिंह की कोठी का सीमांकन करा डाला। 

कौन हैं डॉ. गोविंद सिंह

आपको बता दें कि डॉ.गोविंद सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। सात बार के विधायक डॉ. गोविंद सिंह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान वे मंत्री भी रहे। हालांकि वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

दिग्विजय सिंह नरेंद्र सिंह तोमर डॉ. गोविंद सिंह की कोठी ग्वालियर-चंबल के ठाकुर नेता