BHOPAL. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कोर्ट ने बुधवार को आरटीओ के करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी शरद जायसवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने सौरभ की कंपनी अविरल फिशरिस की जमानत भी खारिज कर दी है। विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनी गईं। सौरभ के वकील ने ईडी की कार्रवाई को काल्पनिक बताया और जमानत की मांग की, वहीं ईडी के वकील विक्रम सिंह ने दोनों आरोपियों के कृत्यों को गंभीर बताते हुए उनकी जमानत का विरोध किया।
सौरभ के वकील का दावा- ईडी के पास कोई ठोस सबूत नहीं
सौरभ के वकील दीपेश जोशी ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ ईडी के पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दुबई का वीजा लेने के लिए एक नामी कंस्ट्रक्शन कंपनी के ब्रोशर का इस्तेमाल किया गया था, जिससे सौरभ को 150 करोड़ रुपये के विला का मालिक बताया गया था। हालांकि, विला का कोई प्रमाण ईडी के पास नहीं है, और जिस कार को सोने और नकद से भरा हुआ बताया जा रहा है, वह सौरभ के नाम पर पंजीकृत नहीं है।
यह भी पढ़ें... इंदौर में भंडारी अस्पताल में कपिल की पिटाई के समय मौजूद थे चिंटू चौकसे, नए वीडियो से हुआ खुलासा
सौरभ शर्मा के परिवार के अन्य सदस्य को मिल चुकी है जमानत
इससे पहले 9 अप्रैल को सौरभ की मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या शर्मा और अन्य परिजनों को जमानत मिल चुकी थी। उन्हें 10 लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दी गई थी। अब, जमानत याचिका खारिज होने के बाद सौरभ और उनके सहयोगियों की पेशी 5 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराई जाएगी।
यह भी पढ़ें... हाईकोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय: दोष सिद्ध हुए बिना वाहन की जब्ती असंवैधानिक
बुधवार को अदालत ने सुरक्षित रखा था जमानत याचिका पर फैसला
बुधवार को हुई बहस के बाद अदालत ने फैसले को गुरुवार तक सुरक्षित रखा था। अब, सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल को जेल में रखा जाएगा, और 5 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की जाएगी।
ये भी पढ़ें...
सौरभ शर्मा केस: आयकर विभाग ने जब्त किया 52 किलो सोना, 11.61 करोड़ कैश और इनोवा कार
प्रीतम ने सोने में बदली सौरभ शर्मा की काली कमाई, प्यारे ने कार मेंडोरी गांव पहुंचाई
मध्य प्रदेश