MP News: आयकर विभाग की बेनामी विंग ने आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर को 250 पेज का शोकॉज नोटिस भेजा है। यह नोटिस उन पर बेनामी प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई के रूप में जारी किया गया है। राजधानी भोपाल के मेंडोरी क्षेत्र से आयकर विभाग ने 52 किलो सोना, 11.61 करोड़ नकद और एक इनोवा कार जब्त की थी। यह सभी संपत्तियां ईडी (ED) द्वारा पहले से ही अटैच की जा चुकी हैं, और पीएमएलए (PMLA) के अंतर्गत अदालत में 8 अप्रैल को चालान भी पेश किया जा चुका है। ईडी भले ही अपनी चार्जशीट में अटैचमेंट का जिक्र कर चुकी हो, लेकिन प्रॉपर्टी फिलहाल आयकर विभाग के पास सीज है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, बेनामी विंग को अधिक अधिकार प्राप्त हैं, अतः फाइनल क्लेम भी उसी का होगा। आगे सौरभ के रिश्तेदारों की प्रॉपर्टी भी अटैच की जा सकती हैं।
90 दिन में जवाब या फिर दोबारा अटैचमेंट
सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर को बेनामी प्रतिषेध अधिनियम के तहत शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। नोटिस मिलने के बाद आरोपी को जवाब देने के लिए 90 दिन का समय मिला है। अगर वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, तो आयकर विभाग द्वारा आरोपियों की संपत्ति को दोबारा अटैच किया जाएगा। अंतिम निर्णय आयकर की एडजुकेटिंग अथॉरिटी द्वारा लिया जाएगा। यह अथॉरिटी तय करेगी कि जब्त की गई संपत्ति छोड़ी जाए या आयकर विभाग के पास ही रहे।
ये भी पढ़ें:
गोल्ड एजेंट प्रीतम का नाम भी आया सामने
जांच में यह भी सामने आया है कि सौरभ शर्मा को गोल्ड सप्लाई करने वाला व्यक्ति प्रीतम था, जिसे अभी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है। प्रीतम के माध्यम से सोना सौरभ की गोल्ड ट्रांसफर चेन का हिस्सा बनता था। अलग-अलग तरीकों से जाँच कर आयकर विभाग (Income Tax Department) ने पाया कि सोना और दूसरी प्रॉपर्टी सौरभ की ही हैं।
ये भी पढ़ें:
अटैचमेंट के बाद किसकी होगी प्रॉपर्टी
अटैच की गई संपत्ति अभी एसबीआई में रखी है।आयकर अफसरों का कहना है कि अटैच की गई यह संपत्ति आयकर विभाग के पास सीज है। लेकिन, इस पर बेनामी विंग के पास अधिकार हैं। इसलिए प्रॉपर्टी बेनामी विंग के पास जा सकती है। चार्जशीट में भले ही ईडी ने इस संपत्ति को अटैच करने का दावा किया है, लेकिन वास्तव में यह उनके पास नहीं है। प्रॉपर्टी पर वास्तव में क्लेम किसका होगा, इस बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है।