/sootr/media/media_files/um6rC88hJOIITYCx8fnw.jpg)
भूमाफिया दीपक
संजय गुप्ता INDORE. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ( enforcement-directorate-ed ) इंदौर ने भूमाफियाओं को तगड़ा झटका दिया है। भूमाफिया दीपक मद्दा ( land-mafia-deepak-madda )उर्फ दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक जैन के साथ सुरेंद्र संघवी के पुत्र प्रतीक संघवी के डायरेक्टर वाली कंपनी मेसर्स सिम्पलेक्स इन्वेस्टमेंट एंड मेगा फायनेंस की संपत्तियां स्थाई तौर पर अटैच कर दी है। ईडी ट्रिब्यूनल नई दिल्ली ने ईडी इंदौर के अटैचमेंट प्रक्रिया पर मुहर लगा दी है। मद्दा, संघवी के साथ ही केशव नाचानी उर्फ हनी, ओमप्रकाश धनवानी उर्फ टनी और मद्दा के रिश्तेदार अशोक पिपाड़ी की भी संपत्ति अटैच हो गई है। इनकी कीमत 200 करोड़ से ज्यादा की बताई जा रही है।
इन संपत्ति अटैचमेंट को ईडी ट्रिब्यूनल ने दी है मंजूरी
1- ओमप्रकाश धनवानी उर्फ टनी- खजराना तहसील के सर्वे नंबर 92 के विविध बटांकन की एक हेक्टेयर जमीन
2- मेसर्स सिम्पलेक्स इन्वेस्टमेंट एंड मेगा फायनेंस प्रालि- खजरानी के सर्वे नंबर 386 सर्वे , 391, 388, 387, 390, 392, 393 के विविध बटांकन की 1.619 हेक्टेयर
3- अशोक पिपाड़ा- बिचौली मर्दाना तहसील की प्लाट नंबर 27 पैक नंबर 250/2/2 प्रगति विहार 0.219 एकड़ और मल्हारगंज में 2500 वर्गफीट एरिया गिरधर नगर में
4- समता रियलिटी-भवन नंबर 166/1 और 166/2 आरएनी मार्ग, इंदौर, 10-11 सिटी इम्प्रूवमेंट ट्र्सट योजना नंबर 6, इंदौर और 73 साउथ तुकोगंज इंदौर (इसमें 49 फीसदी हिस्सेदारी दिलीप सिसौदिया की है, जो 12 हजार वर्गफीट होता है)
5- रेणु नाचानी पति केशव नाचानी व मेहर नाचानी पति अंकुश नाचानी- ब्लाक एफ छठे फ्लोर पर फ्लैट 602 सहज रेसीडेंसी इंदौर 1735 वर्गफीट
6- रेणु नाचानी- तेजपुर गड़बड़ी प्लाट 69, 277/1 व 278/1 कुल 4091 वर्गफीट
7- मेसर्स एमपी बुलियन थ्रो केशव नाचानी- फ्लैट नंबर 7, हाउस नंबर 31-32, बी प्लाजा बड़ा सराफा इंदौर- 225 वर्गफीट
https://thesootr.com/politics/ucc-bill-introduced-in-uttarakhand-assembly-uproar-3611465
ईडी ने मद्दा, संघवी के घर मारा था छापा
इंदौर में चले भूमाफिया अभियान के दौरान मद्दा, संघवी सहित दर्जन भर आरोपियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने एफआईआर कराई थी और इसमें मद्दा व संघवी को ही मास्टमाइंड बताया था। इसके बाद साल 2023 मई-जून में ईडी ने मद्दा व संघवी के घर पर छापे मारे थे और दस्तावेज व नगदी जब्त की थी। इसके बाद संपत्तियों की खोजबीन कर अटैचमेंट किया गया।