मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दावा किया है कि अमेरिका की खोज कोलंबस ( Christopher Columbus ) ने नहीं बल्कि भारत ने और हमारे पूर्वजों ने की थी। अब उच्च शिक्षामंत्री का यह बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आपको बता दें जिस समय उच्च शिक्षा मंत्री ने यह बयान दिया उस समय मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव मंच पर ही मौजूद थे।
उच्च शिक्षा मंत्री ने क्या कहा
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर परमार ने दावा किया है कि भारतीयों को कई झूठ इतिहास में पढ़ाए गए हैं। उनमें से एक यह है कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज की थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं बल्कि भारत के पूर्वजों ने की थी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को पढ़ाना हो तो यह पढ़ाना चाहिए था कि भारत का एक महान नाविक 8वीं शताब्दी में वहां जाता है और अमेरिका के सेंट डियागो में कई मंदिरों का निर्माण करता है। उच्च शिक्षा मंत्री का कहना है कि वहां के संग्रहालय में आज भी यह तथ्य मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि अब किसी को पढ़ाना ही तो सही पढ़ाना कि अमेरिका की खोज भारत ने की है, हमारे पूर्वजों ने की है। उन्होंने कहा कि हम वहां गए तो हमने माया संस्कृति के साथ मिलकर उनका विकास किया।
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कोलंबस के बाद अमेरिका में समाज को नष्ट किया गया: मंत्री
मंत्री इंदर परमार ने यह भी कहा कि छात्रों को ये भी पढ़ाना चाहिए कि कोलंबस के बाद में वहां के लोगों ने अमेरिका में कैसे अत्याचार किए, कैसे जनजातीय समाज को नष्ट करने का काम किया। उन्होंने कहा कि वहां का समाज सूर्य का उपासक था और प्रकृति को पूजता था और इसी कारण उनकी हत्याएं कर दी गईं। उन्होंने कहा कि लेकिन दुर्भाग्य से भारतीयों को सही तथ्य नहीं पढ़ाया गया है। उन्होंने कहा की भारत के विद्यार्थियों को ये पढ़ाया गया कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज की लेकिन ऐसा नहीं है।
कौन थे क्रिस्टोफर कोलंबस
क्रिस्टोफर कोलंबस ( Christopher Columbus ) एक खोजी और नाविक थे जो भारत की तलाश में यूरोप से चले थे लेकिन वह दक्षिण अमेरिका पहुंच गए। कहा जाता है कि 1492 में उन्होंने जमीन की खोज की थी जिसे अब अमेरिका बोला जाता है। माना जाता है कि कोलंबस ने यूरोप के लोगों और अमेरिका के मूल निवासियों के बीच संपर्क को बढ़ावा दिया था। कोलंबस ( Christopher Columbus ) चाहते थे कि समुद्री रास्ते से भारत से कारोबार हो सके लेकिन उस समय मुश्किल ये थी कि किसी को यह पता नहीं था कि समुद्र के रास्ते भारत कितनी दूर है। ऐसा भी कहा जाता है कोलंबस मरते दम तक यही मानते थे कि उन्होंने ही एशिया की खोज की थी।
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