विवादित पटवारी परीक्षा कराने वाली Eduquity का SSC परीक्षा में सर्वर डाउन, सस्ती दर के कारण मिला कांट्रेक्ट

इंदौर में SSC की फेज-13 परीक्षा के दौरान Eduquity कंपनी का सर्वर डाउन हो गया, जिससे छात्रों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। परीक्षा के दौरान कंप्यूटर सिस्टम बंद हो गए।

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Sanjay Gupta
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इंदौर में सोमवार को SSC (कर्मचारी चयन आयोग) की फेज-13 की परीक्षा देने पहुंचे छात्रों को सर्वर डाउन का सामना करना पड़ा। इसके चलते मालवा कन्या विद्यालय परीक्षा केंद्र के पास जमकर विवाद हो गया। अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा के दौरान करीब 10-15 मिनट तक कंप्यूटर सिस्टम बंद हो गया था। विरोध किया और शिकायत की तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यह परीक्षा कराने वाली कंपनी और कोई नहीं बल्कि मप्र की पटवारी भर्ती परीक्षा कराने वाली Eduquity थी। इसी दौरान यह मप्र में सबसे बड़ा विवाद हुआ।

देर रात तक परीक्षा केंद्र पर चला विवाद

छात्रों ने बताया कि परीक्षा शाम 5:30 बजे शुरू हुई और 6:30 बजे तक चलनी थी। लेकिन आखिरी 10-15 मिनट में कंप्यूटर अचानक बंद हो गए। शिकायत करने पर कहा गया कि थोड़ी देर में फिर शुरू हो जाएगा। रात 10:30 बजे तक हंगामा चलता रहा। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे। इस दौरान उम्मीदवारों ने कहा कि शिकायत करने पर उनके साथ मारपीट तक की गई।

नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य रंजीत किसानवंशी और प्रदेश अध्यक्ष धर्मवीर विश्वनोई रात को ही परीक्षा केंद्र पर पहुंचे। देर रात को एजेंसी ने सर्वर डाउन की पुष्टि की और उम्मीदवारों को बताया कि आयोग को इस संबंध में सूचना दे दी है।

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परीक्षा कराने वाली Eduquity पर उठ रहे सवाल

इस विवाद की असल वजह Eduquity Career Technologies को इस परीक्षा का ठेका दिया जाना बताया जा रहा है। दरअसल यह वही कंपनी है जो व्यापमं यानी ईएसबी की परीक्षाओं से जुड़ी रही है और इस पर कई परीक्षाओं में गफलत के आरोप लगे हैं। दरअसल जब एसएससी ने इस परीक्षा आयोजन के लिए टेंडर जारी किए तो टीसीएस की दर करीब सवा तीन सौ प्रति स्टूडेंट थी और वहीं Eduquity की दर 220 रुपए के करीब थी। इसके चलते यह कांट्रेक्ट इस बार Eduquity के पास आ गया। इसके पहले साल 2018 से यह परीक्षाएं टीसीएस करा रहा था, तब विवाद नहीं हुए। लेकिन इस कंपनी के आते ही समस्या शुरू हो गई। अब उम्मीदवारों को डर यह लग रहा है कि आने वाले समय में एसएससी की कई अहम भर्ती परीक्षा होना है, जिसमें इंकमटैक्स व अन्य केंद्रीय विभागों में भर्ती होगी, यदि वहां भी यही विवाद हुआ तो लाखों अभ्यर्थी संकट में आ जाएंगे।

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शॉर्ट में समझें Eduquity से जुड़े ये पूरा खबर

  1. सर्वर डाउन होने से समस्या: इंदौर में SSC परीक्षा के दौरान Eduquity कंपनी का सर्वर डाउन हो गया, जिससे कंप्यूटर सिस्टम बंद हो गए और छात्रों को 10-15 मिनट तक परेशानी का सामना करना पड़ा।

  2. शिकायतों का समाधान न होना: छात्रों ने इस समस्या की शिकायत की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई, और उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट भी की गई।

  3. Eduquity कंपनी का विवादित इतिहास: Eduquity वही कंपनी है, जिसने मध्यप्रदेश की पटवारी भर्ती परीक्षा कराई थी, जिसमें भी विवाद हुआ था। इस कंपनी पर कई अन्य परीक्षाओं में गड़बड़ियों के आरोप लग चुके हैं।

  4. कम दर पर ठेका मिलने की वजह से विवाद: SSC की परीक्षा के लिए Eduquity को ठेका कम दर पर मिला, जबकि टीसीएस ने अधिक दर पर ठेका देने का प्रस्ताव रखा था। इसके कारण इस बार Eduquity को ठेका दिया गया।

  5. भविष्य में अन्य परीक्षाओं की चिंता: छात्रों को डर है कि भविष्य में SSC की अन्य महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षाओं में भी यही समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे लाखों अभ्यर्थियों को परेशानी हो सकती है।

Eduquity कंपनी लगातार विवादों में रही है

साल 2000 में यह कंपनी बनी है और यह बैंगलुरु की है। व्यापमं में जब यह कंपनी जुड़ी तो साल 2022 में शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 3 का पेपर का स्क्रीन शॉट वायरल हो गया। इसके बाद विवाद हुआ और इसकी जांच कराई गई। बाद में पता चला कि Eduquity कंपनी को एग्जाम कराने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है, उसने कमीशन लेकर साईं एजुकेयर को पेटी कांट्रैक्ट दे मारा। जो शर्तों के खिलाफ था। Eduquity Career Technologies का दावा है कि उसने अब तक 100 मिलियन से ज्यादा उम्मीदवारों के लिए परीक्षाएं आयोजित की हैं। लेकिन उस पर कई बार गंभीर आरोप लगे हैं। इसके बाद, 2023 में मध्य प्रदेश की पटवारी भर्ती परीक्षा विवादों में आई, जब एक ही सेंटर से टॉप टेन में से सात मेरिट में आ गए। लगातार परीक्षा केंद्रों पर निगरानी की कमी और नकल की शिकायतें सामने आईं। कुछ लोगों ने संदिग्ध गतिविधियों की बात भी कही।

महाराष्ट्र में भी मार्च 2023 में MBA CET परीक्षा के दौरान Eduquity की भूमिका चर्चा में आई। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल ने इसे ठेका दिया था, लेकिन छात्रों ने पेपर लीक और धांधली की शिकायत की। छात्रों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की और परीक्षा दोबारा कराने की मांग की।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के साथ भी Eduquity का नाम जुड़ा। मार्च 2022 में NTA ने इसके साथ कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं के लिए करार किया था। इस दौरान कई परीक्षाएं हुईं, लेकिन इनमें भी तकनीकी गड़बड़ियां और संभावित लीक की बात सामने आई।

इससे पहले, 2020 से पहले केंद्रीय प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) ने Eduquity को परीक्षा आयोजन से ब्लैकलिस्ट कर दिया था।

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