/sootr/media/media_files/2025/06/06/fDC7nXDPKFiTjGBeM98o.jpg)
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड (MP Waqf Board) ने ईद उल अजहा यानी बकरीद (Bakrid) पर्व के मद्देनज़र राज्यभर में कानून व्यवस्था और धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए विस्तृत एडवाइजरी (Advisory) जारी की है। इसमें खुले में नमाज (Public Namaz) न पढ़ने और सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी (Public Sacrifice Ban) न करने जैसे निर्देश शामिल हैं।
🕌 कुर्बानी पर नियमों का पालन अनिवार्य
वक्फ बोर्ड ने अपने अधीनस्थ मुतवल्लियों (Mutawallis) और समितियों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि कुर्बानी निर्धारित स्थान (Designated Places) पर ही की जाए और उसमें सरकारी कानूनों (Government Laws) का पूरी तरह पालन हो।
🔸 कुर्बानी की जगह चारों ओर से बंद हो
🔸 साफ-सफाई का पूरा ध्यान दिया जाए
🔸 निषिद्ध जानवरों की कुर्बानी पर पूर्ण रोक
🔸 कुर्बानी का कोई वीडियो या ऑडियो न बनाएं और न शेयर करें
खबर यह भी...बकरीद से पहले MP के IAS नियाज खान के पोस्ट से बवाल, बीजेपी सांसद ने किया समर्थन
धर्म और सफाई दोनों ज़िम्मेदारी
बोर्ड ने कहा है कि धार्मिक कार्यों (Religious Practices) में नागरिकों को अपनी नैतिक जिम्मेदारी (Moral Responsibility) निभाते हुए सफाई, दवाई छिड़काव और अवशेषों के सही निष्पादन का पालन करना चाहिए।
🔹 जानवर की अनुपयोगी चीजें नगर निगम के निर्धारित कंटेनर में डालें
🔹 कुर्बानी का स्थान टीनशेड या दीवारों से ढका हो
🔹 नमाज ईदगाह या मस्जिद परिसर तक सीमित हो
🚫 सोशल मीडिया पर कंटेंट साझा करने पर सख्ती
वक्फ बोर्ड ने कहा है कि कुर्बानी से संबंधित कोई भी वीडियो या ऑडियो क्लिप (Sacrifice Video Ban) सोशल मीडिया पर न डाली जाए। इससे सांप्रदायिक सौहार्द (Communal Harmony) बिगड़ सकता है।
खबर यह भी...बकरीद पर कुर्बानी को लेकर तनाव, हाईकोर्ट पहुंचा मामला, याचिका खारिज, SDO को दिए ये निर्देश
🧾 जिला प्रशासन को कड़ी भूमिका में रहने के निर्देश
राज्य के सभी जिला कलेक्टरों (District Collectors) और दंडाधिकारियों (Magistrates) को निर्देशित किया गया है कि वे इन गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराएं और जनजागरूकता अभियान (Awareness Drive) भी चलाएं।
वक्फ बोर्ड के तहत आने वाले स्थल
-
मस्जिद (Mosque)
-
कब्रिस्तान (Graveyard)
-
दरगाह व मजार (Shrine)
-
कर्बला स्थल
-
स्कूल और मदरसे
कुल संख्या: लगभग 15,000
इस बार बकरीद कब है?
इस्लामिक कैलेंडर पूरी तरह चांद की स्थिति पर आधारित होता है, इसलिए हर वर्ष बकरीद यानी ईद-उल-अजहा की तारीख में बदलाव होता है। यह पर्व तब मनाया जाता है जब जिल-हिज्जा माह का चांद दिखाई देता है। इस बार सऊदी अरब में 27 मई को चांद नजर आया, जिसके आधार पर वहां 6 जून को बकरीद मनाने की घोषणा की गई। भारत में चांद एक दिन बाद दिखा, जिस कारण यहां बकरीद 7 जून, शनिवार को मनाई जाएगी। यह पर्व इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने जिल-हिज्जा की 10वीं तारीख को आता है और इस दिन को हज यात्रा का अंतिम और सबसे पवित्र दिन माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लिए यह दिन त्याग और बलिदान का प्रतीक है, जो पैगंबर इब्राहीम की आस्था और समर्पण की याद दिलाता है।
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें
📢🔃 🤝💬👩👦👨👩👧👧
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
बकरीद की तैयारी | बकरीद का त्योहार | बकरीद न्यूज | MP वक्फ बोर्ड | एमपी वक्फ बोर्ड | ईद की नमाज | एमपी में सड़क पर नमाज पर रोक | कुर्बानी का त्योहार | MP News | ईद-उल-अजहा