BHOPAL. मध्यप्रदेश में आबकारी विभाग में रिश्वतखोरी के मामले पर मुख्यमंत्री सचिवालय गंभीर हो गया है। सिवनी जिले में सहायक आबकारी अधिकारी (एडीईओ) पवन झारिया के पकड़े जाने के बाद अब सीएमओ ने जबलपुर संभाग के तीन जिलों की गोपनीय रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों के अनुसार, पता चला है कि सिवनी से लेकर जबलपुर तक ठेकेदारों से लाखों रुपए की टॉर्चर मनी की वसूली जा रही थी। रिपोर्ट में वसूली इंस्पेक्टर के नाम का जिक्र है। अफसर दफ्तरों से गायब रहते थे।
गौरतलब है कि लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने सिवनी जिले के सहायक आबकारी अधिकारी (एडीईओ) पवन झारिया को साढ़े 3 लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरबड़े का कहना है कि पवन झारिया ने आबकारी विभाग के ही डीईओ शैलेश कुमार जैन के कहने पर रिश्वत ली थी।
हर महीने मांग रहे थे पांच लाख रुपए
इस मामले में शराब ठेकेदार राकेश साहू ने जबलपुर लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि अधिकारी ठेकेदार राकेश साहू से हर महीने पांच लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे। दरअसल, राकेश सिवनी जिले के तीन सिंडिकेट ग्रुप की नौ शराब दुकानें चलाता है। इन दुकानों के संचालन के लिए हर महीने आबकारी विभाग के अफसर उससे रिश्वत मांग रहे थे। इससे वह परेशान हो गया था। यह कार्रवाई होने के बाद अब दूसरे परेशान ठेकेदार भी सामने आ रहे हैं।
एक बड़े अधिकारी को हटाने की तैयारी
इधर, रिश्वत कांड सामने आने के बाद आबकारी आयुक्त ने विशेष जांच टीम भेजी थी। इस टीम ने जबलपुर संभाग में जांच के बाद प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है। अब माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर प्रमुख सचिव इस मामले में सख्त निर्णय ले सकते हैं। माना जा रहा है कि रिश्वत कांड की जद में आए तीन अधिकारी सस्पेंड किए जा सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी को हटाकर मुख्यालय पर अटैच किए जाने की तैयारी है।
ओवर रेट पर बिक रही शराब
इस रिश्वत कांड के बाद सूबे का आबकारी महकमा चर्चा में आ गया है। इसी के साथ एक बार फिर शराब के ओवर रेट का जिन्न भी बाहर आ गया है। सूबे में शराब ठेकेदारों के इशारे पर हर आकार की बोतल पर 10 रुपए से लेकर 20 रुपए या उससे भी ज्यादा कीमत वसूली जा रही है। प्रदेश में बीते साल करीब 520 करोड़ से ज्यादा बोतल शराब की खपत हुई थी। यानी हर दिन औसतन 1 करोड़ 42 लाख 46 हजार 575 बोतल लोग हर दिन गटक जाते हैं। ऐसे में 20 रुपए प्रति बोतल के औसत से ओवर रेट वसूली की गणना करें तो हर दिन का आंकड़ा 28 करोड़ 49 लाख 31 हजार 500 रुपए तक पहुंच जाता है। ओवर रेट वसूली की अनगिनत शिकायतें सामने आ रही हैं, लेकिन आबकारी विभाग चुप्पी साधे बैठा है। अफसरों को केवल शराब की बिक्री से विभाग और खुद को मिलने वाले राजस्व की चिंता है।
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