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MP News: मध्यप्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल में एक गंभीर घटना घटी है। फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा दिल की सर्जरी करने से सात मरीजों की मौत हो गई। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले को गंभीरता से लिया। NHRC ने देशभर में कार्यरत डॉक्टरों की योग्यता की जांच के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
दमोह के मिशन अस्पताल में डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ एन. जान कैम ने खुद को लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट बताकर कई मरीजों की हार्ट सर्जरी की। मार्च 2025 में यह खुलासा हुआ, जब इन सर्जरी के बाद सात मरीजों की मृत्यु हो गई थी। जांच में सामने आया कि अस्पताल और डॉक्टर दोनों की ओर से अनियमितताएं और लापरवाही बरती गई, जिससे मरीजों की मौत हुई।
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NHRC के निर्देश
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने मामले का संज्ञान लिया और निम्नलिखित निर्देश जारी किए:
- देशभर में डॉक्टरों की योग्यता की जांच: सभी कैथ लैब्स में कार्यरत डॉक्टरों की योग्यता की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।
- आयुष्मान भारत योजना का दुरुपयोग: राज्य सरकारों से आयुष्मान भारत योजना के दुरुपयोग की जांच करने को कहा गया है।
- मुआवजे की अनुशंसा: मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की अनुशंसा की गई है।
- FIR दर्ज करने का निर्देश: डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर अलग-अलग FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
- कानूनी कार्रवाई की सलाह: गैर इरादतन हत्या, ठगी, जालसाजी, और चिकित्सकीय लापरवाही जैसे मामलों में कानूनी कार्रवाई की सलाह दी गई है।
अस्पताल की जांच और कड़ी कार्रवाई
NHRC ने मिशन अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने और अस्पताल की संपत्ति की जांच के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, पुलिस और CMHO द्वारा की गई लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
गंभीर सवाल जिनकी होगी जांच
इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जिनकी जांच की जाएगी:
- क्या मरीजों को सर्जरी से पहले संभावित खतरे और विकल्पों की जानकारी दी गई थी?
- क्या अस्पताल ने बीमा कराया था, और क्या मृतकों के परिजनों को इसका लाभ मिला?
- क्या अस्पताल के निर्माण और संचालन में नियमों का उल्लंघन हुआ था?
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व्हिसल ब्लोअर्स की सुरक्षा
जो लोग इस अपराध को उजागर करने में मदद कर रहे हैं, उन्हें व्हिसल ब्लोअर सुरक्षा कानून 2014 के तहत संरक्षण देने की सिफारिश की गई है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
5 प्वाइंट्स में समझे पूरी स्टोरी
✅हाल ही में दमोह जिले के मिशन अस्पताल में एक गंभीर घटना हुई थी। फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने दिल की सर्जरी की थी। इस सर्जरी के कारण सात मरीजों की मौत हो गई। डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ एन. जान कैम ने खुद को लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट बताया। उन्होंने इन सर्जरी को अंजाम दिया था।
✅इस घटना के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मामले का संज्ञान लिया और इस पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। NHRC ने सभी कैथ लैब्स में डॉक्टरों की योग्यता की जांच कराने और आयुष्मान भारत योजना के दुरुपयोग की जांच करने के आदेश दिए हैं।
✅NHRC ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने की अनुशंसा की है। इसके अलावा, डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर अलग-अलग FIR दर्ज करने की सलाह दी गई है।
✅मिशन अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने और अस्पताल की संपत्ति की जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, पुलिस और CMHO द्वारा की गई लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
✅NHRC ने व्हिसल ब्लोअर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने की सिफारिश की है। इसके लिए 2014 के व्हिसल ब्लोअर सुरक्षा कानून के तहत संरक्षण देने की सलाह दी गई है। यह कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए है।
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