सीबीआई का ऑपरेशन चक्र-5, राजस्थान के माफिया में मचा हड़कंप, जानें पूरी कहानी

सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र-5 के तहत राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 42 ठिकानों पर छापेमारी की और 9 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। सीबीआई टीम ने देश में चल रहे साइबर ठगी के बडे़ मामले का पर्दाफाश भी किया है।

author-image
Sanjay Dhiman
New Update
cyber crime

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भारत में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को लेकर सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई की है। ऑपरेशन चक्र-5 के तहत, सीबीआई ने राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 42 ठिकानों पर छापेमारी की और नौ साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई साइबर ठगी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है। 

ऑपरेशन चक्र-5: एक साथ 42 जगह छापेमारी

सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र-5 के तहत म्यूल खातों का पता लगाने के लिए पूरे देश में एक व्यापक जांच अभियान चलाया। इस छापेमारी में राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, और अलवर जैसे प्रमुख शहरों से लेकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा तक के अपराधियों को निशाना बनाया गया। कुल मिलाकर, सीबीआई ने 42 ठिकानों पर छापेमारी की और 9 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया।

सीबीआई ने यह भी पाया कि कई बैंक कर्मियों और एजेंटों ने इन खातों को खोलने में अपराधियों की मदद की थी। बिचौलिए और बैंक कर्मी बिना उचित जांच के ग्राहकों के नाम पर खातों का संचालन कर रहे थे, जिससे साइबर ठगों को फायदा हो रहा था। 

यह खबरें भी पढ़ें...

राजस्थान सरकार देने वाली है चार लाख नौकरियां, आईए जानते हैं क्या हैं घोषणाएं

राजस्थान में व्हाट्सऐप पर जन्म प्रमाण-पत्र, नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

म्यूल खातों का क्या मतलब है?

म्यूल खाते (Mule Accounts) वे बैंक खाते होते हैं, जिनका उपयोग अपराधी ठगी की रकम को ट्रांसफर करने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए करते हैं। इन्हें अक्सर बिना किसी वैरिफिकेशन या केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया के खोला जाता है। इन खातों के माध्यम से ठगी की गई रकम को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है, जिससे अपराधियों को पकड़ना मुश्किल हो जाता है।

म्यूल खातों का क्रिप्टो करेंसी में रूपांतरण

सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया कि कई मामलों में ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में बदलकर विदेश भेजा गया। जिसके कारण अपराधियों को पकड़ने में कठिनाई आ रही थी। इन खातों में रखी गई रकम को विभिन्न देशों में भेजने की कोशिश की जा रही थी, ताकि ठगी की रकम का पता न चले। 

यह खबरें भी पढ़ें...

राजस्थान में जयपुर के आरटीओ ऑफिस में ई-रिक्शा सब्सिडी धोखाधड़ी

राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट: 30 जिलों में चेतावनी, जानें क्या हैं ताजा हालात

सीबीआई ने नेटवर्क को किया बेनकाब

सीबीआई ने इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए कई ठिकानों पर छापेमारी की। इसके अलावा, सीबीआई ने इस ऑपरेशन के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, फर्जी दस्तावेज, बैंक खाता खोलने के फॉर्म, और लेनदेन रिकॉर्ड जब्त किए। इन दस्तावेजों की जांच करके अपराधियों के नेटवर्क को बेनकाब किया गया।

बैंक कर्मियों और एजेंटों की मिलीभगत

सीबीआई की जांच में यह भी पाया गया कि कुछ बैंक कर्मियों और ई-मित्र ऑपरेटरों की मिलीभगत से म्यूल खाते खोले जा रहे थे। इस प्रकार की धोखाधड़ी में केवाईसी नियमों का उल्लंघन किया गया। साथ ही कई बैंकों ने संदिग्ध लेनदेन पर उचित कार्रवाई नहीं की और ग्राहक के पते को सत्यापित करने के लिए पत्र नहीं भेजे।

अब एआई से रखी जाएगी म्यूल खातों पर नजर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी म्यूल खातों पर चिंता जताई है और ऐसे खातों की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित म्यूलहंटर सिस्टम का विकास किया है। इस सिस्टम के जरिए इन खातों का पता लगाकर उन्हें तुरंत बंद किया जा सकेगा।

डिजिटल लेने में सावधानी की अपील

साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी के कारण सीबीआई और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने लोगों से अपील की है कि वे अपने बैंक खातों की जानकारी किसी भी अजनबी को न दें। डिजिटल लेन-देन के बढ़ने के साथ-साथ खतरे भी बढ़ गए हैं। जयपुर जैसे शहरों में जहां डिजिटल लेन-देन में 25% की वृद्धि हुई है, वहां के व्यापारी और नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

 

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

भारत राजस्थान सीबीआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दिल्ली उत्तर प्रदेश ऑपरेशन साइबर ठगी हरियाणा बैंक क्रिप्टोकरेंसी