फर्जी रिफंड मामले में घिरे सीए नीरज जैन ने की उनके यहां छापे की पुष्टि, कहा- रैकेट नहीं चलाता

आयकर विभाग द्वारा फर्जी टैक्स रिफंड मामले में देशव्यापी छापे के बाद इंदौर के सीए नीरज जैन का नाम सुर्खियों में आया है। सीए जैन ने इस मामले में सोशल मीडिया पर सफाई दी है

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Sanjay Gupta
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Fake Income Tax Refunds CA Neeraj Jain Clarification
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आयकर विभाग द्वारा देशव्यापी छापे की कार्रवाई के बाद फर्जी आईटी रिटर्न के जरिए टैक्स रिफंड का मामला फिर तूल पकड़ रहा है। यह मामला इंदौर-देवास में तब उठा था जब 31 जनवरी को देवास के सीए नीरज जैन के यहां आयकर की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद अब देशव्यापी छापे हुए हैं। इसमें इंदौर के साथ ही अन्य शहरों के प्रोफेशनल सीए, कर सलाहकार निशाने पर आए हैं। वहीं इस कार्रवाई में नाम उछलने के बाद सीए नीरज जैन ने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई दी है और मीडिया पर अपना ठीकरा फोड़ा है।

यह बोले सीए नीरज जैन

मैं बेहद निराशा और भारी मन से यह संदेश लिख रहा हूं। हाल के दिनों में, कुछ अखबारों ने आयकर से जुड़े कथित फर्जी दावों और कटौतियों के सिलसिले में मेरा नाम गैर-ज़िम्मेदाराना तरीके से प्रकाशित किया है। इतना ही नहीं, मीडिया द्वारा इस्तेमाल की गई प्रस्तुति और तस्वीरों में मुझे गलत तरीके से मध्य प्रदेश के बाहर के राज्यों में कथित तौर पर एक रैकेट चलाने वाले व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है। मैं मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा बनाए गए इस निराधार और भ्रामक कथन की कड़ी निंदा करता हूं।

मैं स्पष्ट कर देता हूं कि मैं देवास से कार्यरत एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हूं और मुझे 20 वर्षों से भी अधिक का अनुभव है। कोविड के बाद, मैंने अपनी पेशेवर प्रैक्टिस काफ़ी कम कर दी थी। यहां तक कि अपना कार्यालय बंद करके घर से काम कर रहा था। पिछले 5 वर्षों में, मैंने जानबूझकर अपने ग्राहक आधार और पेशेवर गतिविधियों को सीमित कर दिया है।

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जैन ने माना उनके यहां मिले थे संदिग्ध रिटर्न

जैन ने आगे लिखा है कि - यह सच है कि एक निजी शिकायत के आधार पर, आयकर विभाग ने 31 जनवरी 2025 को मेरे आवास पर तलाशी ली। उस तलाशी के दौरान पाया गया कि मेरी ओर से केवल 103 आयकर रिटर्न (मेरे परिवार के रिटर्न सहित) दाखिल किए गए थे। इनमें से केवल 45 मामलों में ही रिफंड का दावा किया गया था। इनमें से लगभग 27 ग्राहक कथित रूप से संदिग्ध कटौतियों के कारण जांच के दायरे में आ गए हैं। हालांकि, मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मेरे माध्यम से दाखिल किए गए एक भी रिटर्न में राजनीतिक चंदे के लिए कटौती का कोई दावा शामिल नहीं है।

मेरी छवि धूमिल हो रही है

जैन ने आगे कहा कि अब, पांच महीने बाद, मेरा नाम एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में घसीटा जा रहा है। बिना किसी मौजूदा सर्वेक्षण से जुड़े, बिना किसी नए घटनाक्रम के, और बिना किसी औचित्य के। मैं सोच में पड़ गया हूँ: मैं ही क्यों? इसके पीछे कौन है? वे क्या चाहते हैं? इस गैर-ज़िम्मेदाराना आचरण से मेरी व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। मैं उन सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने मेरी ईमानदारी पर भरोसा रखा और इस मुश्किल घड़ी में मेरा साथ दिया। साथ ही उन सभी का भी जो दुर्भाग्य की इस मुश्किल घड़ी में मेरे साथ खड़े रहे। 

अभी आयकर विभाग की यहां चल रही कार्रवाई

आईटी द्वारा फर्जी रिफंड मामले में की गई छापामार कार्रवाई में इंदौर के सीए शुभम लड्डा के यहां जांच हुई है। इसमें उनके सहयोगी निखिल मंत्री व अन्य से भी पूछताछ हुई। वहीं एरोड्रम एरिया में रहने वाले कर सलाहकार प्रकाश जैन के यहां भी टीम पहुंची थी और जांच की गई। रतलाम में कर सलाहकार सुरेश गुप्ता के भी यहां जांच हुई है। उज्जैन में एजेंट सत्येंद्र टूटेजा और संजय चौधरी के यहां भी कार्रवाई हुई।

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राजनीतिक चंदे में इन पार्टियों के नाम पर टैक्स चोरी

जांच में आया है कि सीए और कर सलाहकारों ने रिपब्लिकन बहुजन समाज पार्टी को डेढ़ से दो करोड़ का चंदा दिलवाया है। इंदौर में सीए शुभम लड्डा ने तकरीबन 70 लोगों से चंदा दिलवाया है। ये चंदा 1 से 5 लाख रुपए के बीच बताया गया है। कर सलाहकार प्रकाश जैन के यहां भी कई जानकारी मिली है। इसमें आम भारतीय पार्टी, स्वर्णिम भारत, भारतीय क्रांति संघ, राष्ट्र वाहिनी पार्टी, इंपीरियल पार्टी ऑफ इंडिया, एकता निर्माण नेशनल पार्टी और मालवा कांग्रेस जैसे राजनीतिक दलों के नाम आए हैं।

6 राज्यों में 150 जगह छापे

6 राज्यों में 150 से ज्यादा ठिकानों पर टीम पहुंची है। यह फर्जी तरीके से आयकर विभाग से रिफंड लेने का मामला है, जिसमें दलाल के साथ ही सीए, कंसलटेंट सहित करदाताओं का भी गठजोड़ है। जांच से कुछ आईटीआर तैयार करने वालों और बिचौलियों द्वारा संचालित संगठित रैकेट का पर्दाफ़ाश हुआ है, जो फर्जी कटौतियों और छूटों का दावा करते हुए रिटर्न दाखिल कर रहे थे। अधिक रिफंड के लिए झूठे टीडीस रिटर्न तक दाखिल हो रहे हैं।

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