शादी का झांसा, होटल में रेप और, भाजयुमो के पूर्व पदाधिकारी लिविश पटेल पर गंभीर आरोप

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि एक साल पहले उसकी लिविश पटेल से पहचान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हुई थी। दोनों के बीच धीरे-धीरे बातचीत बढ़ती गई और व्हाट्सएप, फोन कॉल्स के जरिए रिश्ते में गहराई आने लगी।

author-image
Neel Tiwari
New Update
former officer BJYM
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

MP NEWS: जबलपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व नगर उपाध्यक्ष लिविश पटेल पर गंभीर आरोप लगे है। लिविश पर मंडला की एक युवती ने बलात्कार के गंभीर आरोप लगे है। युवती का कहना है कि आरोपी ने सोशल मीडिया पर पहले दोस्ती की, फिर प्रेम संबंध का ढोंग रचा और अंततः शादी का झांसा देकर जबलपुर बुलाकर होटल में दुष्कर्म किया। मामला अब कानूनी दायरे में पहुंच गया है और जबलपुर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार की धारा में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि आरोपी पूर्व में भाजपा के युवा मोर्चा का पदाधिकारी रह चुका है।

सोशल मीडिया से शुरू हुई दोस्ती

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि एक साल पहले उसकी लिविश पटेल से पहचान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हुई थी। दोनों के बीच धीरे-धीरे बातचीत बढ़ती गई और व्हाट्सएप, फोन कॉल्स के जरिए रिश्ते में गहराई आने लगी। युवती ने बताया कि लिविश ने उसे भरोसा दिलाया कि वह उससे शादी करेगा और जीवन भर साथ निभाएगा। इसी विश्वास के चलते वह 15 जनवरी 2025 को अकेली जबलपुर आ गई। यहां लिविश उसे ISBT बस स्टैंड से कार में लेकर यादव कॉलोनी स्थित एक होटल में ले गया। वहीं, उसने पीड़िता का शारीरिक शोषण किया। युवती का कहना है कि उसने विरोध भी किया, लेकिन आरोपी ने भावनात्मक दबाव बनाकर उसे चुप करा दिया।

ये खबर भी पढ़िए... बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का आकस्मिक निधन, राजनीतिक जगत में शोक की लहर

वादा था शादी का, लेकिन मिला धोखा 

दुष्कर्म की इस घटना के बाद युवती सदमे में थी, लेकिन आरोपी के वादे और प्रेम के झूठे भरोसे ने उसे कुछ समय तक शांत रखा। युवती ने बताया कि जब वह मंडला वापस लौटी, तब कुछ समय तक लिविश से फोन पर बातचीत चलती रही। लेकिन कुछ ही हफ्तों में आरोपी ने फोन उठाना बंद कर दिया और किसी भी प्रकार का संपर्क करने से इनकार कर दिया। वह बार-बार लिविश को कॉल करती रही, लेकिन हर बार फोन या तो बंद मिलता या उठाया नहीं गया। आखिरकार जब उसे यह स्पष्ट हो गया कि उसके साथ विश्वासघात हुआ है, तब उसने साहस जुटाकर पुलिस से संपर्क करने का फैसला किया।

ये खबर भी पढ़िए... सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के कब्जे से मुक्त कराए दो पहाड़

बम्हनी थाने दर्ज हुई जीरो FIR

मार्च महीने में युवती ने मंडला जिले के बम्हनी थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। उसने पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी और बताया कि किस तरह आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर जबरन शारीरिक संबंध बनाए। चूंकि घटना का स्थल जबलपुर था, इसलिए मंडला पुलिस ने जीरो एफआईआर के तहत मामला दर्ज कर केस डायरी जबलपुर पुलिस को भेज दी। जबलपुर के लार्डगंज थाना पुलिस ने केस का संज्ञान लिया और युवती के बयान एवं मेडिकल परीक्षण के आधार पर लिविश पटेल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया।

ये खबर भी पढ़िए... केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का लिया फैसला, मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दी

तस्वीरों ने बढ़ाई पार्टी की असहजता

एफआईआर दर्ज होने के बाद सोशल मीडिया पर लिविश पटेल की कई पुरानी तस्वीरें वायरल हो गईं, जिनमें वह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंच साझा करते नजर आ रहा है। एक फोटो में लिविश जबलपुर के वर्तमान सांसद आशीष दुबे के साथ दिखाई दे रहा है। वहीं, एक अन्य कार्यक्रम में वह मंच पर सांसद का स्वागत करते हुए भी देखा गया है। इन तस्वीरों से साफ जाहिर होता है कि लिविश पटेल न सिर्फ भाजयुमो में सक्रिय था, बल्कि पार्टी के कई महत्वपूर्ण आयोजनों में भी उसकी भूमिका रही है। यह खुलासा भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।

ये खबर भी पढ़िए... मध्य प्रदेश IPS सीनियरिटी लिस्ट में बदलाव, मऊगंज SP दिलीप सोनी को 9 साल पुरानी सीनियरिटी का तोहफा

पुलिस जांच में मिले दुष्कर्म के साक्ष्य

लार्डगंज थाना प्रभारी नवल आर्य ने बताया कि पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई जीरो एफआईआर और बयान के आधार पर विस्तृत जांच की गई। युवती का मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें जबरदस्ती की पुष्टि हुई। साथ ही होटल के सीसीटीवी फुटेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की भी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है, लेकिन फिलहाल वह फरार है। मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई तेज़ी से की जा रही है।

राजनीतिक रसूख की आड़ में अपराध ?

इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीति में जुड़ाव या किसी पद पर आसीन रहना, व्यक्ति को कानून से ऊपर कर देता है? युवती का साहसिक कदम इस बात की मिसाल है कि अब महिलाएं चुप नहीं बैठतीं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से पीछे नहीं हटतीं। सवाल यह भी है कि क्या भाजपा नेतृत्व इस मामले पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया देगा या इसे ‘व्यक्तिगत मामला’ कहकर किनारा कर लेगा? फिलहाल पीड़िता न्याय की राह पर है, और पूरा मामला अब जनता और मीडिया की निगाहों में है।

 

भारतीय जनता युवा मोर्चा जबलपुर MP News बीजेपी सोशल मीडिया