एमपी में बाढ़ से गई 394 लोगों की जान, 5000 मकानों को पहुंचा नुकसान, कृषि भूमि भी प्रभावित

मध्यप्रदेश में अबतक बाढ़ के कारण 394 लोगों की जान चली गई है। 5,000 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और 12हजार हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

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Sandeep Kumar
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मध्यप्रदेश में 2025 के मानसून में विभिन्न जिलों में भारी बारिश और बाढ़ का कहर देखने को मिला। राज्य के 21 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसके कारण बाढ़ और भारी बारिश (heavy rainfall) ने तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा से अब तक 394 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 5,000 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसके साथ ही लगभग 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि भूमि भी प्रभावित हुई है।

कृषि पर प्रभाव और राहत कार्य

बाढ़ के कारण शिवपुरी, बुरहानपुर, दमोह, अशोकनगर, धार, छतरपुर, रायसेन, उमरिया, बड़वानी, मंडला और कटनी जिलों में फसलें बर्बाद हो गईं हैं। इन क्षेत्रों में किसानों को भारी नुकसान हुआ है, और 17,500 किसानों को अब तक राहत राशि के तौर पर 20 करोड़ रुपए से अधिक का वितरण किया गया है। 

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सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने प्रशासन को दिशा-निर्देश दिए कि जिन-जिन क्षेत्रों में फसलों को नुकसान हुआ है, वहां तुरंत राहत कार्य शुरू किए जाएं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि 24 घंटे के अंदर जनहानि और पशुहानि के मामलों में राहत उपलब्ध कराई जाए।

बाढ़ के कारण 1,814 पशु भी मारे गए हैं। इससे राज्य में ग्रामीण जीवन और आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों को बढ़ाने का आदेश दिया है, ताकि प्रभावितों को त्वरित सहायता मिल सके।

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5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉 राज्य के 21 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई, जिसके कारण बाढ़ और भारी बारिश से 394 लोगों की जान गई। 5,000 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। साथ ही, 12,000 हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित हुई।

👉  बाढ़ और भारी बारिश ने विशेष रूप से शिवपुरी, बुरहानपुर, दमोह, अशोकनगर, धार, छतरपुर, रायसेन, उमरिया, बड़वानी, मंडला और कटनी जिलों में फसलें बर्बाद कर दीं। 

👉 बाढ़ के कारण 1,814 पशु मारे गए, जिससे ग्रामीण जीवन और आजीविका पर गहरा असर पड़ा। राहत कार्यों को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई है।

👉  सीएम मोहन यादव ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासन को 24 घंटे के अंदर जनहानि और पशुहानि में त्वरित सहायता प्रदान करने का आदेश दिया।

👉 मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी भारी बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन को सतर्क रहने और फसलों को होने वाले नुकसान के मामलों में त्वरित कार्रवाई करने की सलाह दी गई है।

भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार, आगामी दिनों में भी भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। ऐसे में प्रशासन को सतर्क रहने और फसलों को होने वाले नुकसान की स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने की सलाह दी गई है।

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औसत से अधिक बारिश वाले जिले

इस साल MP में 1 जून से लेकर 2 सितंबर तक 38.24 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो औसत से 21 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के प्रमुख जिलों में भिण्ड, छतरपुर, श्योपुर, ग्वालियर, नीमच, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, अलीराजपुर, सिंगरौली, राजगढ़, मंडला, सीधी, टीकमगढ़, गुना, नरसिंहपुर, दतिया, रतलाम, उमरिया, रायसेन और सिवनी प्रमुख रूप से प्रभावित हुए हैं।

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