मंदसौर में बाबा पशुपतिनाथ की प्रतिमा में निशान पड़ने लगे हैं। मंदसौर के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सोशल मीडिया एक्स (X) पर इसकी जानकारी है। उन्होंने पोस्ट कर लिखा- विश्व में अद्वितीय मानी जाने वाली मंदसौर की भगवान पशुपतिनाथ की अष्ठमुखी प्रतिमा के मुख पर दरारें पड़े रही है।
पोस्ट कर ये लिखा
यशपाल सिंह सिसोदिया ने पोस्ट कर लिखा- श्रद्धा, भक्ति और आस्था का केंद्र भगवान पशुपतिनाथ महादेव की दिव्य एवं नयनाभिराम अष्टमूर्ति प्रतिमा दशपुर की नगरी मंदसौर (मध्य प्रदेश) में विराजित है, आशंका जताई जा रही है और संभावनाएं बताई जा रही है की "प्रतिमा के मुख पर दरार पड़ रही है"।
यदि ऐसा है तो तकनीकी विशेषज्ञों की टीम बनाकर, जानकारों से सलाह लेकर प्रतिमा के शरण को रोका जाए, मोहन यादव जी, भारत सरकार का पुरातत्व विभाग और मध्य प्रदेश के पुरातत्व विशेषज्ञ एवं दिलीप कुमार यादव से आवश्यक दिशा निर्देश एवं उचित कार्यवाही किए जाने का आग्रह।
श्रद्धा, भक्ति और आस्था का केंद्र "भगवान पशुपतिनाथ महादेव" की दिव्य एवं नयनाभिराम अष्टमूर्ति प्रतिमा दशपुर की नगरी मंदसौर (मध्य प्रदेश) में विराजित है,आशंका जताई जा रही है और संभावनाएं बताई जा रही है की "प्रतिमा के मुख पर दरार पड़ रही है", यदि ऐसा है तो तकनीकी विशेषज्ञों की टीम… pic.twitter.com/7EUiavgi9t
— Yashpal Singh Sisodiya, (@ypssisodiya) July 22, 2024
शिवना नदी के किनारे स्थित है पशुपतिनाथ मंदिर
सावन माह की शुरुआत आज 22 जुलाई से हो गई है। इस दौरान देशभर से श्रद्धालु भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करने मध्य प्रदेश के मंदसौर पहुंच रहे हैं। सावन का पवित्र महीने का 19 अगस्त को समाप्त होगा। सावन में 72 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। इस बार सावन माह की शुरुआत और समापन दोनों ही सोमवार के दिन होंगे। ऐसा दुर्लभ योग 72 वर्ष पहले 27 जुलाई 1953 को बना था।
74 साल पहले भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा को स्थापित किया था। पुरा शास्त्रियों का मानना है कि प्रतिमा हजारों साल पुरानी है। अब प्रतिमा के नीचे के मुख में दरार दिखने लगी है।
मंदसौर पशुपतिनाथ के बारे में ये भी जानिए...
मंदसौर पशुपतिनाथ मंदिर मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान शिव को समर्पित है और यह 8वीं शताब्दी का माना जाता है। यह मंदिर अपनी अष्टमुखी शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो भारत में अद्वितीय है।
शिवलिंग के आठ चेहरे भगवान शिव के आठ रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और मूर्तियां भी हैं, जिनमें भगवान गणेश, नंदी, पार्वती और अन्य देवी-देवताओं के मंदिर शामिल हैं। यह मंदिर पूरे साल श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, विशेष रूप से सावन महीने में, जो भगवान शिव को समर्पित है।
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