राजधानी भोपाल में अतिथि शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज का मामले गरमाता जा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath ) देश सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि अतिथि शिक्षकों पर रात के अंधेरे में बिजली गुल करके लाठीचार्ज किया गया है। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाईकोर्ट (High Court ) की निगरानी में जांच कराने की मांग की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बर्बर लाठीचार्ज बताते हुए कमलनाथ ने कहा कि भोपाल में प्रदर्शन करने आए अतिथि शिक्षकों (guest teachers ) के साथ की गई मारपीट की जो खबरें सामने आई हैं, बहुत चौंकाने वाली हैं।
लाठीचार्ज, लोकतंत्र के माथे पर धब्बा : कमलनाथ
कमलनाथ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले अतिथि शिक्षकों पर रात के अंधेरे में बिजली गुल करके लाठीचार्ज किया गया है जो कि लोकतंत्र के माथे पर एक धब्बा है। अतिथि शिक्षकों के शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी सीएम डॉक्टर मोहन यादव सरकार ( Mohan Yadav government ) के अत्याचार की इबारत है। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रदेश में अपनी जायज मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना गुनाह हो गया है क्या ?
सत्ता में बैठे व्यक्ति की यह भी ज़िम्मेदारी होती है कि वह अपनी आलोचना सुन सके और आलोचना सुनने के बाद अपनी नीतियों में सुधार करे।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 4, 2024
लेकिन जिस तरह से प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना पर युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेन्द्र सिंह @mitendradsingh के एक ट्वीट पर अपनी अंतरात्मा…
मितेंद्र सिंह को लेकर क्या बोले 'नाथ'
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ( Mitendra Singh ) के लाडली बहनों को लेकर किए गए पोस्ट और उस पर FIR होने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा है कि सत्ता में बैठे व्यक्ति की यह भी जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी आलोचना सुन सके और आलोचना सुनने के बाद अपनी नीतियों में सुधार करें।
AAP भी कर चुकी हैं विरोध
अतिथि शिक्षकों पर लाठीचार्ज को लेकर आम आदमी पार्टी ( Aam Aadmi Party ) ने भी विरोध जताया है। इस घटना को लेकर आप पार्टी ने कहा है कि बीजेपी ने रात के अंधेरे में अतिथि शिक्षकों पर लाठी चलवा कर अपनी सरकार के चाल चरित्र को उजागर किया है। AAP ने कहा है कि प्रदेश के 1 लाख 22 हजार सरकारी स्कूलों में 1 करोड़ 10 लाख छात्र पढ़ते हैं। इन छात्रों का भविष्य शिक्षकों की कमी के कारण अंधकार में है।
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