राजगढ़ में होगा किले का कब्जा, गुना में सिंधिया को मिलेगी चुनैाती

सट्टाबाजार के जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी रोडमल नागर सांसद रहते हुए इस क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे हैं इससे जनता में उनके प्रति नाराजगी है। वहीं इस बार गुना लोकसभा सीट से भी सिंधिया को कड़ी टक्कर मिलेगी।

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Jitendra Shrivastava
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अरविंद शर्मा, BHOPAL. लोकसभा चुनाव को लेकर रणभेरी बज चुकी है। बीजेपी 400 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही है। लेकिन इन सबके के बीच एमपी में सट्टा बाजार गर्म है। सट्टा बाजार का दावा है कि इस बार प्रदेश की दो हॉट सीटों पर रोचक चुनाव होगा। उधर राजगढ़ सीट पर तीन दशक के बाद कांग्रेस ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है। यहां से दिग्विजय सिंह चुनाव में जीत दर्ज करेंगे। वहीं गुना में बीजेपी के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस उम्मीदवार यादवेंद्र सिंह कड़ी टक्कर देंगे। गुना में दोनों के बीच कांटे का मुकाबला होगा।

तीन जिलों की 8 विधानसभाओं में नागर का विरोध

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह लंबे समय के बाद अपने परंपरागत क्षेत्र राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। दिग्विजय सिंह राजगढ़ में अपनी जीत के लिए 31 मार्च से पदयात्रा भी शुरू कर रहे हैं। वहीं इस क्षेत्र के वह जनाधार वाले नेता भी है। सट्टाबाजार के जानकारों का कहना है कि बीजेपी प्रत्याशी रोडमल नागर सांसद रहते हुए इस क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे हैं। जिसकी वजह से जनता में उनके प्रति नाराजगी है। वहीं तीन जिलों की आठ विधानसभाओं में रोडमल नागर का विरोध है। सट्टा बाजार के जानकारों की माने तो इस बार भाजपा को शिकस्त मिलेगी। वहीं दूसरी ओर स्थानीय सांसद के पहले भी राघौगढ़ और बीनागंज में पोस्टर लगाकर विरोध किया गया था। 

सिंधिया को मिल रही कड़ी चुनौती, समाजों की ले रहे बैठक

गुना लोकसभा क्षेत्र से पिछली बार चुनाव हार चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस बार भी कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। कांग्रेस ने यहां से यादवेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वही बीजेपी से सिंधिया ताल ठोकते नजर आ रहे हैं, लेकिन इस लोकसभा क्षेत्र में यादव समाज के करीब दो लाख से अधिक वोटर है, जो कि इस चुनाव में अपनी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस वजह से अब सिंधिया हर रोज समाजों की बैठक कर बीजेपी की नीतियों और विकास कार्यों को गिनाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने अशोकनगर में कहा कि आगामी 7 मई को संग्राम करना है, यह नए जमाने का युद्ध है जिसमें तलवार नहीं ईवीएम का बटन दबाना है और करेंट से विरोधियों को परास्त करना है। सट्टा बाजार के जानकारों की माने तो इस बार गुना लोकसभा में सिंधिया को कड़ी टक्कर मिलेगी।

सट्टा बाजार करता है इस तरह काम

लोगो का चुनावों में रुझान और परिणाम में दिलचस्पी देखते हुए सटोरिए और दलाल सक्रिय हुए। इन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके पूरा नेटवर्क बनाया। सट्टा बाजार से जुड़े लोगों का दावा है कि चुनाव का सटीक अनुमान लगाने के लिए वे ग्राउंड रिपोर्ट पर भी काम करते हैं। मीडिया रिपोर्टस के आधार पर एनालिसिस कर बाजार के रुझान बताते हैं।

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