ग्वालियर से आगरा के बाद अब ग्वालियर से इटावा बाया भिंड तक नया फोरलेन हाईवे ( Four-lane highway ) बनाने का काम शुरू होगा। इस हाईवे की दूरी 105 किमी होने वाली है, जो मौजूदा हाईवे से 3 किमी कम है। साथ ही नए और मौजूदा हाईवे पर ट्रैफिक बंटने से वाहनों को स्पीड मिलेगी। इससे करीब 1 घंटे का समय बचेगा।
इतने करोड़ रुपए होंगे खर्च
वर्तमान में ट्रैफिक लोड ( Traffic Load ) अधिक होने और जाम की वजह से करीब ढाई घंटे का समय लग जाता है। मौजूदा टू लेन हाईवे को फोर लेन हाईवे में बदलने पर 2,700 करोड़ रुपए खर्च आएंगे। जबकि नए फोर लेन हाईवे की लागत 2,500 करोड़ रुपए है।
मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम ने इसका प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ( Union Ministry of Road Transport and Highways ) को भेज दिया है। मौजूदा हाईवे पर करीब 16 हजार वाहनों का ट्रैफिक लोड है। इसके विस्तार में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए नया हाईवे बनाने की योजना तैयार की गई है, ताकि ट्रैफिक को बांटा जा सके।
105 किलोमीटर लंबाई और 60 मीटर चौड़ाई
पुरानी छावनी चौराहे से गोले का मंदिर, महाराजपुरा, लक्ष्मणगढ़ होते हुए झांसी बाईपास की तरफ गोहद मार्ग ( gohad road )से नया फोर लेन स्पीड कॉरिडोर प्रस्तावित है। इसकी लंबाई 105 किलोमीटर और चौड़ाई 60 मीटर होगी। इसमें किसी भी इंफ्रास्ट्रक्चर ( Infrastructure ) को शिफ्ट करने या तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए सरकारी और निजी जमीन का अधिग्रहण करना होगा। इसकी लागत 2200 करोड़ रुपए आंकी गई है।
मौजूदा हाईवे 108 किलोमीटर लंबा
बता दें कि मौजूदा हाईवे 108 किलोमीटर लंबा है और दो लेन का है। यह पुरानी छावनी से इटावा तक जाता है। गोले का मंदिर-एयरपोर्ट रोड, मेहगांव, भिंड में कुछ जगहों पर ही इसे फोर लेन बनाया गया है। इसे फोर लेन बनाने में करीब 2,700 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका कारण औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में गैस पाइपलाइन हटाने और पूरे रूट पर बिजली, पानी-सीवर लाइन, मकान, होटल, ढाबे आदि के लिए भारी मुआवजा देना पड़ेगा।
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हाईवे बनाने के लिए डीपीआर हो रहा तैयार
सड़क विकास निगम ( Road Development Corporation ) मौजूदा हाईवे को फोरलेन हाईवे बनाने के लिए डीपीआर भी तैयार कर रहा है, ताकि दूसरा विकल्प भी तैयार रहे। नई दिल्ली की एक कंसलटेंसी फर्म पुरानी छावनी से इटावा तक इस रूट पर सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसे मार्च 2025 तक सौंपना है। विभागीय अधिकारियों के शुरुआती सर्वे में सामने आया है कि अगर इस हाईवे का विस्तार किया गया तो इस प्रोजेक्ट में कई दिक्कतें आएंगी। इसी को देखते हुए सबसे ज्यादा फोकस नए हाईवे पर किया जा रहा है।
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